पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर अंकुश के लिए मोदी सरकार कुछ ठोस उपाय करने का विचार कर रही है. मोदी सरकार को ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ONGC) ने एक प्लान सुझाया है जिससे आने वाले दिनों में तेल की कीमतें स्थिर रहेंगी. पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के आवास पर गुरुवार देर रात हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में ओएनजीसी के प्लान पर चर्चा हुई. हालांकि योजना पर मोदी सरकार कब से अमल करेगी, इस पर फैसला नहीं हो पाया है. तेल की कीमतें कम करने को लेकर सरकार पहले ही कह चुकी है कि वह इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी. उसने तेल पर एक्साइज व अन्य तरह के कर भी घटाने से इनकार कर दिया है. ऐसे में अब ओएनजीसी का प्लान ही एकमात्र रास्ता है जिससे कीमतें घटेंगी नहीं लेकिन स्थिर रहेंगी.
क्या है ओएनजीसी का प्लान?
पेट्रोलियम मंत्रालय ने बीते दिनों ओएनजीसी को निर्देश दिया था कि वह कच्चे तेल को मौजूदा कीमतों से कम दाम में खरीदे और पूरे वित्त वर्ष के लिए एक कीमत तय कर दे. इस योजना में ऑयल इंडिया लिमिटेड को शामिल नहीं किया गया है. ओएनजीसी तेल रिफाइनिंग कंपनियों-आईओसी, एचपीसीएल और बीपीसीएल को देश की कुल कच्चे तेल की जरूरत का 20 फीसदी सप्लाई करती है. ओएनजीसी ने इन कंपनियों से ऊंची दरों पर कच्चा तेल खरीदने को कहा है ताकि दो साल तक विदेश से तेल मंगाने के लिए उसके पास फंड की व्यवस्था हो सके.
गोयल बोले-कीमतें कम करने की व्यवस्था कर रही सरकार
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि मोदी सरकार तेल कीमतों को लेकर एक दीर्घकालिक उपाय कर रही है. इस मामले में राज्यों से भी राय-मश्विरा चल रहा है. उन्होंने कहा कि हाल में कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से वृद्धि हुई है. इसलिए सरकार ऐसी योजना बना रही है ताकि कीमतें बढ़ने पर अंकुश लगे. इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक उनसे जब ओएनजीसी के प्लान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सही समय पर इसकी घोषणा की जाएगी. तेल को जीएसटी के दायरे में लाने पर मंत्री ने कहा कि जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में इस प्रस्ताव पर चर्चा होने की संभावना है
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