नई दिल्लीः सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि पूर्वोत्तर को अशांत रखने के लक्ष्य से पाकिस्तान ‘योजनाबद्ध’ तरीके से इस इलाके में बांग्लादेश से लोगों को भेजा रहा है. ऐसा वह चीन के साथ मिलकर परोक्ष युद्ध की अपनी रणनीति के तहत कर रहा है. असम के कई जिलों में मुस्लिम जनसंख्या में वृद्धि की खबरों का हवाला देते हुए सेना प्रमुख ने बदरुद्दीन अजमल की एआईयूडीएफ की भी चर्चा की और कहा कि राज्य में उसका उभार 1980 के दशक में भाजपा के विकास से अधिक तेज रहा.
जनरल रावत ने पूर्वोत्तर में बांग्लादेशों के प्रवासन का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘हमारे पश्चिमी पड़ोसी के चलते योजनाबद्ध तरीके से प्रवासन चल रहा है। वे हमेशा कोशिश और यह सुनिश्चित करेंगे कि परोक्ष युद्ध के जरिए इस क्षेत्र पर नियंत्रण कर लिया जाए.’’वह पूर्वोत्तर क्षेत्र में सीमाओं को सुरक्षित बनाने के विषय पर एक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं समझता हूं कि हमारा पश्चिमी पड़ोसी इस क्षेत्र को समस्याग्रस्त बनाए रखने के लिए हमारे उत्तरी पड़ोसी (चीन) की मदद से बहुत अच्छी तरह परोक्ष युद्ध खेलता है। हमें कुछ और प्रवासन नजर आयेंगे। हल समस्या की पहचान और समग्र दृष्टि से उसपर गौर करने में निहित है.’’ असम में अवैध बांग्लादेशियों से प्रवासन एक बड़ा मुद्दा है और राज्य सरकार राज्य में अवैध ढ़ंग से रह रहे लोगों का पता लगाने के लिए अब राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर ला रही है.
सेना प्रमुख ने 1984 में भाजपा के महज दो सीटें जीतने का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘एआईयूडीएफ नामक एक पार्टी है. यदि आप उस पर नजर डालें तो आप पायेंगे कि भाजपा को उभरने में सालों लग गये जबकि वह बिल्कुल कम समय में उभरी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘एआईयूडीएफ असम में तेजी से बढ़ रही है.’’ यह दल मुस्लिमों के पैरोकार के रुप में 2005 में बना था और फिलहाल लोकसभा में उसके तीन सांसद और असम विधानसभा में 13 विधायक हैं.