आगामी गुजरात चुनाव में पाटीदारों को आरक्षण दिए जाने की मांग एक बहुत बड़ा मुद्दा है और इसको लेकर बिहार में भी राजनीति हो रही है. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने पाटीदारों को आरक्षण दिए जाने की मांग का पुरजोर विरोध किया है.
जीतन राम मांझी ने कहा है कि गुजरात में खासकर पश्चिमी गुजरात में पाटीदार समाज जमींदारों की हैसियत रखता है और ऐसे में उन्हें आरक्षण दिए जाने की मांग न्याय संगत नहीं है. मांझी ने कहा कि पाटीदार समाज गुजरात में सवर्ण जाति का एक छोटा सा हिस्सा है जो जमींदार कहलाते हैं.
मांझी का मानना है कि सवर्ण जाति में होने के बावजूद पाटीदार समाज का आरक्षण की मांग का मतलब है कि उन्हें पिछड़ी जाति, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को पहले से मिले हुए आरक्षण में से हिस्सा देना पड़ेगा जो कि गलत है.
मांझी ने कहा कि देश के किसी भी हिस्से में पिछड़ी जाति, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति 80% की आबादी का हिस्सा होता है और भविष्य में भी किसे आरक्षण मिले यह उस समाज की जनसंख्या को आधार बनाकर ही फैसला लेना चाहिए.
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