यूं तो कहते हैं कि ईश्वर को प्रसन्न करने के लिए मन में सच्ची भक्ति होनी चाहिए. फिर भी हमारा मन कई बार पूजा-पाठ के सही या गलत विधि-विधानों में उलझ जाता है. ऐसे में आपकी उलझनों को कुछ हद तक दूर कर सकते हैं ये सुझाव…
1. भूलकर भी न चढ़ाएं:
विष्णु भगवान को चावल, गणेश जी को तुलसी, देवी को दूर्वा और सूर्य को बिल्व पत्र कभी नहीं चढ़ाना चाहिए.
विष्णु भगवान को चावल, गणेश जी को तुलसी, देवी को दूर्वा और सूर्य को बिल्व पत्र कभी नहीं चढ़ाना चाहिए.
2. इससे प्रसन्न होंगे भगवान:
शिव जी को बिल्व पत्र (बेल पत्र), विष्णु को तुलसी, गणेश जी को हरी दूर्वा, सूर्य भगवान को लाल कनेर के फूल और मां दुर्गा को लौंग व लाल फूल बेहद प्रिय होते हैं.
शिव जी को बिल्व पत्र (बेल पत्र), विष्णु को तुलसी, गणेश जी को हरी दूर्वा, सूर्य भगवान को लाल कनेर के फूल और मां दुर्गा को लौंग व लाल फूल बेहद प्रिय होते हैं.
3. पूजा में कहां, क्या रखें:
पूजा में दीपक सही जगह रखना चाहिए. घी का दीपक हमेशा दाईं तरफ और तेल का दीपक बाईं ओर रखना चाहिए. जल पात्र, घंटा, धूपदानी जैसी चीजें हमेशा बाईं तरफ रखनी चाहिए.
पूजा में दीपक सही जगह रखना चाहिए. घी का दीपक हमेशा दाईं तरफ और तेल का दीपक बाईं ओर रखना चाहिए. जल पात्र, घंटा, धूपदानी जैसी चीजें हमेशा बाईं तरफ रखनी चाहिए.
4. इस तरह करें तिलक:
भगवान को स्नान कराने के बाद चंदन-टीका करते हैं. इस दौरान ध्यान रहे कि देवी-देवताओं को हमेशा अनामिका (हाथ की तीसरी उंगली) से तिलक या सिंदूर लगाएं.
भगवान को स्नान कराने के बाद चंदन-टीका करते हैं. इस दौरान ध्यान रहे कि देवी-देवताओं को हमेशा अनामिका (हाथ की तीसरी उंगली) से तिलक या सिंदूर लगाएं.
5. यह न करें:
गणेश जी, हनुमान जी, दुर्गा माता, या किसी भी मूर्ति से सिंदूर लेकर माथे पर नहीं लगाना चाहिए.
गणेश जी, हनुमान जी, दुर्गा माता, या किसी भी मूर्ति से सिंदूर लेकर माथे पर नहीं लगाना चाहिए.
6. इस तरह जलाएं धूप-दीप:
भगवान की आरती की तैयारी करते समय एक दीपक से दूसरा दीपक, धूप या कपूर कभी न जलाएं.
भगवान की आरती की तैयारी करते समय एक दीपक से दूसरा दीपक, धूप या कपूर कभी न जलाएं.
7. अगर छूट जाए कोई पूजा सामग्री:
पूजा में अगर किसी सामग्री की कमी रह जाए तो परेशान न हों या पूजा बीच में न छोड़ें. ऐसे में भगवान को चावल और फूल चढ़ाएं और मन में उस चीज का ध्यान करें.
पूजा में अगर किसी सामग्री की कमी रह जाए तो परेशान न हों या पूजा बीच में न छोड़ें. ऐसे में भगवान को चावल और फूल चढ़ाएं और मन में उस चीज का ध्यान करें.