उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में एक शख्स की मौत पुलिस हिरासत में हो गई। इस मामलें में दो थानेदारों, एसओजी प्रभारी और जिला अस्पताल के डॉक्टर समेत सात पर हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ है। एसपी ने शिवली एसओ, एसओजी प्रभारी, चौकी, इंचार्ज समेत नौ पुलिसकर्मियों को संस्पेंड कर दिया।
ये मामला शिवली कोतवाली क्षेत्र का है। टिकरी गांव के पास बदमाशों ने छह दिसंबर को सरैया लालपुर के व्यापारी चंद्रभान से नगदी व सोने-चांदी के आभूषण लूट लिए थे। इस मामले में पुलिस ने 12 दिसंबर को तीन लोगों को पकड़ा था। रनियां थाने में पूछताछ के दौरान उसकी पिटाई की गई। हालत बिगड़ी तो पुलिसकर्मी आधी रात बलवंत को जिला अस्पताल ले गए, जहां उसकी मौत हो गई।
परिजनों ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। मंगलवार दोपहर पोस्टमार्टम हाउस पहुंचीं राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला ने पीड़ितों को न्याय का भरोसा दिया। हंगामा होते देख पहले से पकड़े गए तीनों आरोपितों का चालान कर दिया गया। इधर, बवाल बढ़ता देख एसपी सुनीति ने शिवली कोतवाल राजेश कुमार सिंह, एसओजी प्रभारी प्रशांत गौतम, मैथा चौकी प्रभारी ज्ञान प्रकाश पांडेय समेत नौ पुलिसवालों को निलंबित कर दिया।
परिजनों ने शाम तक शव नहीं उठने दिया तो रनियां थाने में रनियां कोतवाल शिवप्रकाश सिंह, शिवली कोतवाल, मैथा चौकी प्रभारी, एसओजी प्रभारी, जिला अस्पताल में रात में तैनात डॉक्टर व कुछ अज्ञात पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया। वहीं, कानपुर नगर में हुए पोस्टमार्टम में बलवंत के शरीर में 22 चोट के निशान मिले हैं।
खाकी की बर्बरता
कानपुर देहात के सांसद देवेंद्र सिंह भोले ने कहा कि रनियां थाने में युवक की मौत पुलिस की पिटाई से हुई है। पोस्टमार्टम के लिए रखे शव में चोट के निशान दिखे हैं। एसपी कानपुर देहात झूठ बोल रही हैं। इनकी शिकायत शासन से कर दी है।
कानपुर जोन के एडीजी भानु भाष्कार ने कहा कि घटना पर पूरी नजर है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है। रिपोर्ट में कुछ खास आता है तो वह अलग से जांच कराएंगे। नहीं तो हिरासत में मौत