पीरियड हाईजीन से जुड़ी कुछ मूल बातें हम आपको बताने जा रहे हैं..

मासिक धर्म यानी पीरियड्स के दौरान महिलाओं को स्वच्छता का खास ख्याल रखना चाहिए। ये उनके शरीर के लिए तो महत्वपूर्ण होता ही है साथ ही उनके स्वास्थ्य के लिए और भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस दौरान एलर्जी और संक्रमण का खतरा हो सकता है। यह जरूरी नहीं है कि हर कोई मासिक धर्म स्वच्छता के सर्वोत्तम तरीकों को जानता हो क्योंकि इसके बारे में कई मिथक भी जुड़े हुए हैं। इसलिए पीरियड हाईजीन से जुड़ी कुछ मूल बातें हम आपको बताने जा रहे हैं, जिसको जानने से आपको न केवल पीरियड के दौरान फ्रेश और कॉन्फिडेंट महसूस करने में मदद मिलेगी बल्कि आप खुद को हेल्दी भी पाएंगी।

पीरियड हाईजीन के लिए टिप्स-

– मासिक धर्म के दौरान सूती सैनिटरी नैपकिन या टैम्पोन चुन सकती हैं क्योंकि ये आपकी त्वचा पर नरम होते हैं और इससे खुजली और रैशेज की समस्या नहीं होती। इसके अलावा आप पीरियड कप का भी उपयोग कर सकती हैं क्योंकि यह पर्यावरण के अनुकूल है और सिलिकॉन से बने होते हैं, जो त्वचा को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं।

हालांकि, कुछ महिलाओं को मासिक धर्म के पहले 2-3 दिनों के दौरान भारी प्रवाह का अनुभव होता है, जिसकी वजह से वो दो सैनिटरी पैड का उपयोग करती हैं, ताकि कपड़ों में दाग ना लगे। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि ऐसा करने से आपके गुप्तांग में संक्रमण का खतरा हो सकता। इसलिए सिंगल पैड का इस्तेमाल करें।

– पीरियड्स के दौरान अपने गुप्तांग को धोने के लिए गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें। सैनिटरी पैड या टैम्पोन को हर 4 घंटे के बाद जरूर से बदल लें। साथ ही किसी भी असुविधा से बचने के लिए यात्रा करते समय पैड या टैम्पोन साथ रखें।

– आरामदायक सूती अंडरवियर का चुनाव करें जो आपकी त्वचा को सांस लेने में मदद करे और संक्रमण को रोक सके। अगर जननांग क्षेत्र में या उसके पास दाने या संक्रमण का अनुभव करती हैं तो उसे नज़रअंदाज़ ना करें। ढीले-ढाले सूती कपड़ों का चुनाव करें।

– वैसे तो आम दिनों में भी खूब पानी पीने की सलाह दी जाती है। लेकिन पीरियड्स के दौरान पर्याप्त पानी पीकर खुद को हाइड्रेटेड रखें। अगर आपका पेट फूला हुआ है तो पानी आपको डी-ब्लोटिंग और बेहतर महसूस करने में मदद करेगा। लेकिन ध्यान दें कि ठंडा पानी पीने से बचें और कोशिश करें कि गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें।

– मासिक धर्म के दौरान शारीरिक रूप से सक्रिय रहना आवश्यक है। कोशिश करें कि हल्के व्यायाम जैसे टहलने या फिर योग करने की कोशिश करें। वहीं भारी वजन उठाने वाले व्यायामों को करने से बचें, जिससे आपको अत्यधिक परिश्रम ना करना पड़े।

– दिन में कम से कम दो बार स्नान करें और जननांग क्षेत्र को साफ रखें। वॉशरूम का इस्तेमाल करने के बाद या पैड बदलने के बाद अपने हाथ को जरूर धोएं। वहीं गुप्तांग में किसी भी केमिकल युक्त उत्पादों का उपयोग न करें।

– अपने गुप्तांग को साफ करते वक्त ध्यान दें कि उसे आगे से पीछे की ओर धोएं। जब कोई पीछे से आगे की ओर पोंछता है, तो वह योनि को हानिकारक जीवाणुओं के संपर्क में लाती है जो मूत्र पथ के संक्रमण और खमीर संक्रमण का कारण बन सकते हैं।

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