ऑल इंडिया पेट्रोल पंप एसोसिएशन ने डेबिट और क्रेडिट कार्ड से पेमेंट नहीं लेने के फैसले को 13 जनवरी तक टाल दिया है।
बता दें कि इससे पहले सोमवार से कार्ड से पेमेंट नहीं लेने की बात कही थी। दरअसल, बैंकों ने प्वॉइंट ऑफ सेल (POS) से पेमेंट पर 1% लेवी (ट्रांजेक्शन चार्ज) बढ़ा दी थी।
PMO के दखल के बाद पूरे मामले में रविवार देर रात तक बैंक, सरकार और पेट्रोल पंप एसोसिएशन के बीच बातचीत चलती रही। रात करीब 11 बजे बैंकों ने एसोसिएशन को लिखित में बताया कि पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की दखल के बाद एमडीआर (मर्चेंट डिस्काउंट रेट) वसूली 13 जनवरी तक टाल दी है। बता दें कि सरकार ने कार्ड से पेट्रोल-डीजल की खरीद पर 0.75% डिस्काउंट का एलान किया था।
HDFC के स्पोक्सपर्सन ने कहा,”जहां तक मैं जानता हूं ये सरकार के नोटिफिकेशन के बाद इंडस्ट्री की ओर से लिया गया फैसला है। इसलिए हमें पहले डीलर्स को इसके बारे में सूचना देना जरूरी था।” पेट्रोल पंपों पर डेबिट-क्रेडिट कार्ड से पेमेंट ना लेने के फैसले के बाद ICICI ने बयान जारी कर स्पष्टीकरण दिया। ICICI के स्पोक्सपर्सन ने कहा कि हम सोमवार से कार्ड से पेमेंट पर किसी तरह की ट्रांजैक्शऩ फीस नहीं चार्ज करेंगे।
ऑल इंडिया पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन (एआईपीडीए) के प्रेसिडेंट अजय बंसल ने कहा, “जो POS प्रोवाइडर बैंक पुरानी शर्तों पर राजी हैं और ऐसा कोई चार्ज नहीं लगा रहे हैं, वो हमसे संपर्क करें ताकि हम अपने मेंबर्स को इन्फॉर्म कर सकें। जिससे उनके पीओएस से कार्ड पेमेंट लिए जा सकें।” बता दें कि देशभर में 52 हजार पेट्रोल पंपों पर HDFC और ICICI बैंक की प्वाइंट ऑफ सेल मशीनें हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पेट्रोल पंपों पर एचडीएफसी और उन बैंकों के कार्ड से पेमेंट नहीं हो सकेगा, जो 1% चार्ज वसूलेंगे।
प्रधान ने कहा, ‘पेट्रोल पंप मालिकों को सरकार का फैसला मानना होगा। मामले को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा।’ ‘बैंक और पेट्रोल पंप मालिकों को बैठकर विवाद को हल कर लेना चाहिए ताकि उन्हें और लोगों को एक्स्ट्रा चार्ज न देना पड़े।’
ऐसे चलता रहा घटनाक्रम
शनिवार: ICICI, HDFC और AXIS बैंक ने पंपों को नोटिस भेजे
एचडीएफसी, आईसीआईसीआई और ऐक्सिस बैंक ने पेट्रोल पंपों पर अपनी पीओएस मशीनों से होने वाली पेमेंट पर 1% तक एमडीआर वसूलने के नोटिस भेजे। वसूली 9 जनवरी से शुरू होनी थी। देश के 56,190 पंपों में से 53,840 पर इन्हीं बैंकों की मशीनें हैं। नोटिस से भड़के पेट्रोल पंप डीलर्स ने बैठक बुलाई और तय किया कि कार्ड पेमेंट बंद करेंगे। पीओएस भी हटा देंगे। यानी पंपों पर सिर्फ कैश से ही तेल मिलेगा। विवाद बढ़ा तो आईसीआईसीआई पीछे हट गया, सफाई दी कि वह एमडीआर नहीं ले रहा।
एआईपीडीए ने कहा- चार्ज वसूलने से डीलर्स को घाटा
ऑल इंडिया पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन (एआईपीडीए) के प्रेसिडेंट अजय बंसल ने रविवार को कहा, “पंपों के मार्जिन की गणना के लिए हम लोगों की एक विशेष प्रणाली है। इनमें बैंकों कों एमडीआर देने की कोई गुंजाइश नहीं है। इससे आगे चलकर डीलरों को घाटा होगा।” “देश की सभी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के रिटेल आउटलेट्स पर क्रेडिट और डेबिट कार्ड के जरिए पेमेंट स्वीकार नहीं किए जाएंगे।” बैंक 9 जनवरी से कार्ड से हुए भुगतान पर पेट्रोल पंपों से 1% और डेबिट कार्ड से भुगतान 0.25 से 1% तक चार्ज वसूलेंगे।
एसोसिएशन ने दी ये दलील
पेट्रोल पंपों का कुल मार्जिन 2.5 फीसदी है, जो प्रति एक हजार लीटर के आधार पर निर्धारित होता है। इसमें स्टाफ व अन्य मैंटेनेंस की लागत भी खुद उठानी पड़ती है। इतने कम मार्जिन में बैंक को शुल्क देना रिटेल आउटलेट्स के लिए संभव नहीं है। दूसरे कारोबारियों की तरह पेट्रोलियम डीलर प्रोडक्ट की कीमत भी नहीं बढ़ा सकते हैं। ऐसी स्थिति में डीलर्स अपने मार्जिन का एक फीसदी हिस्सा बैंकों को नहीं दे सकते हैं।
बैंकों का फैसला एकतरफा
तमिलनाडु पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट ने केपी मुरली ने कहा, “हमें बैंकों से अचानक यह शुल्क वसूलने के बारे में जानकारी मिली है। यह शुल्क वसूलकर बैंक पहले हुए एग्रीमेंट को मानने से इनकार कर रहे हैं। उनका यह फैसला ‘एकतरफा’ है।”
गुजरात स्टेट पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट अरविंद ठक्कर ने कहा, “गुजरात और देशभर के पेट्रोलपंप डीलर डेबिट और क्रेडिट कार्ड से पेमेंट नहीं लेंगे। ये RBI के सर्कुलर के विरोध में उठाया गया कदम है। RBI ने बैंकों से कहा कि कार्ड पेमेंट पर पेट्रोलपंप डीलर से 1% चार्ज वसूला जाए।”