हमारी सरकार सबका साथ सबका विकास व सबका विश्वास लेकर चलती है। यहां धर्म जाति लिंग आदि के आधार पर किसी भी भेदभाव की जगह नहीं है। पीएम के जवाब को लेकर कांग्रेस ने निशाना साधा है। वहीं बीजेपी ने भी पलटवार किया है।
अमेरिका की राजकीय यात्रा पर गए पीएम मोदी ने राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ व्हाइट हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। अमेरिकी पत्रकार के एक सवाल के जवाब में पीएम ने कहा कि भारत एक लोकतंत्र है और जाति-पंथ, धर्म या लिंग के आधार पर किसी भी तरह का कोई भेदभाव नहीं होता है। पीएम मोदी द्वारा अमेरिकी पत्रकार को दिए जवाब को लेकर बीजेपी और कांग्रेस आमने सामने आ गई है।
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है। श्रीनेत ने ट्वीट कर लिखा, ‘140 करोड़ भारतीयों के प्रधानमंत्री का जवाब इतना कमजोर?’ कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि अगर महात्मा गांधी के सत्याग्रह और अपने राजधर्म को निभाया होता तो आज वैश्विक पटल पर हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री की दहाड़ सुनाई देती। वो सीना ठोक कर और हुंकार भर के अपने देश के अल्पसंख्यक समुदाय की रक्षा पर जवाब देता।
क्या बोली बीजेपी?
पीएम मोदी के जवाब पर बीजेपी नेता अमित मालवीय ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि पीएम मोदी ने मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यकों के अधिकारों की ‘रक्षा’ के लिए उठाए जा रहे कदमों पर प्रेरित प्रश्न को पूरी तरह से नष्ट कर दिया। पीएम ने अपने जवाब में मुसलमानों या किसी अन्य संप्रदाय का उल्लेख नहीं किया।
आंसू बहा सकती है कांग्रेस
बीजेपी नेता ने ये भी कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा व्यर्थ थी। कोई भी संबंधित व्यक्ति इसमें नहीं आया। कांग्रेस अपने आंसू बहा सकती है।
हमारी रगों में लोकतंत्र: पीएम मोदी
पीएम ने अमेरिकी पत्रकार को दिए अपना जवाब में कहा कि भारत लोकतंत्र को जीता है। यहां धर्म-जाति के आधार पर किसी के साथ भेदभाव करने का कोई सवाल ही नहीं है। भारत की सरकार संविधान से चलती है और इसमें भेदभाव का कोई स्थान नहीं है।
मोदी ने कहा, ‘भारत में लोकतंत्र है। हम लोकतंत्र को जीते हैं। लोकतंत्र हमारी रगों में हैं। हमारे पूर्वजों ने इन मूल्यों को शब्दों में ढालते हुए संविधान का निर्माण किया है। हमारी सरकार लोकतंत्र के इन मूल आधार पर बने संविधान के मुताबिक चलती है। सबका साथ, सबका विकास व सबका विश्वास लेकर चलती है। यहां धर्म, जाति, लिंग आदि के आधार पर किसी भी भेदभाव की जगह नहीं है।’