मुंबई। पंजाब नेशनल बैंक से जुड़े 12 हजार 700 करोड़ रुपये के कथित घोटाला मामले में शनिवार को एक विशेष अदालत ने हीरा व्यापारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए. धनशोधन रोकथाम कानून के तहत गठित अदालत द्वारा प्रवर्तन निदेशालय की याचिका पर दोनों आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए गए. प्रवर्तन निदेशालय उन एजेंसियों में से एक है जो पिछले महीने सामने आए इस बैंक धोखाधड़ी के मामले की जांच कर रही हैं.
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने दोनों प्रमुख आरोपियों नीरव और चोकसी को तलब किया था. हालांकि, दोनों हीरा व्यापारी प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश नहीं हुए थे. इसके बाद जांच एजेंसी ने गैर जमानती वारंट जारी करने के लिए धनशोधन रोकथाम अदालत का दरवाजा खटखटाया.
हालांकि, इन दोनों आरोपियों के बारे में माना जाता है कि आपराधिक मामला दर्ज होने से पहले वे देश छोड़ चुके हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने 27 फरवरी को अदालत का रुख किया था और नीरव के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने का आग्रह किया था. जांच एजेंसी ने अदालत को बताया था कि उसने नीरव को पेशी के लिए तीन बार सम्मन भेजा था.
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने नीरव मोदी को संदेश भेजकर भारत लौटकर जांच में सहयोग करने की गुजारिश की थी. लेकिन उसने विदेश में अपने व्यवसाय का हवाला देते हुए नकारात्मक जवाब दिया. भारत सरकार ने पहले मोदी और चोकसी के पासपोर्ट को रद्द कर दिया है, साथ ही इंटरपोल से उनके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी करने को कहा है. नीरव मोदी समूह की फ्लैगशिप कंपनी फायरस्टार डायमंड ने न्यूयार्क की अदालत में दिवालिया होने की याचिका दायर की है, जिसके बाद ऋणदाताओं को इस कंपनी से अपने कर्ज को वसूलने पर रोक लग गई है. इस कंपनी की कई देशों में शाखाएं हैं.