'पिरामिड' के नाम से अगर दिमाग में आता है सिर्फ 'मिस्र' देश, तो सोच बदल लें

‘पिरामिड’ के नाम से अगर दिमाग में आता है सिर्फ ‘मिस्र’ देश, तो सोच बदल लें

जैसे ही पिरामिड की बात होती है तो जहन में सिर्फ एक ही नाम दौड़ पड़ता है और वो है ‘मिस्र’… इसे ‘Egypt’ नाम से भी जाना जाता है। पूरी दुनिया में अब तक केवल यही एक ऐसा देश है जो पिरामिड के लिए जाना जाता रहा है।'पिरामिड' के नाम से अगर दिमाग में आता है सिर्फ 'मिस्र' देश, तो सोच बदल लें

लेकिन क्या वाकई केवल यही देश है जहां पिरामिड है..? अगर हम कहें नहीं ऐसा नहीं है तो आपको जरूर हैरानी होगी। क्या आप जानते हैं मिस्र के अलावा अफ्रीका में भी पिरामिड हैं। लेकिन इसके बारे में लोगों को कम जानकारी है। 

मिस्र के अलावा यहां भी हैं पिरामिड

बता दें सूडान में भी पिरामिड है और आपको यह जानकर ताज्जुब होगा कि यहां मिस्र के पिरामिड से कहीं ज्यादा संख्या में पिरामिड देखने को मिल जाएंगे। इसलिए अब कभी पिरामिड देखने जाने का मन हो तो आप इस जगह भी घूमने जा सकते हैं।

मिस्र के पिरामिड और सूडान के पिरामिड में काफी समानताएं हैं। दोनों ही जगहों पर पिरामिड नील नदी के किनारे पर बनाए गए हैं। इसलिए अब नील नदी को केवल मिस्र से जोड़कर मत देखना। नील नदी सूडान से होकर भी गुजरती है।

सदियों से वीरान पड़ा ये इलाका

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ये पिरामिड सूडान की राजधानी खारटौम से लगभग 200 किलोमीटर दूर से एक प्राचीन शहर में हैं। अब ये शहर वीरान पड़ा है। केवल पिरामिडों के अवशेष ही यहां बचे हैं। ​ये पिरामिड नील नदी के पूर्वी तट पर हैं। जिस जगह पर ये पिरामिड है उस गांव का नाम बगराविया बताया जाता है। 

दरअसल, यह इलाका मौसम के लिहाज से बेहद शुष्क और दुर्गम माना जाता है। रेत की टिब्बा के बीच धंसे इन पिरामिडों की तस्वीरों से आप इसका अंदाजा लगा सकते हैं। यहां पर्यटक इसलिए आते-जाते नहीं क्योंकि यहां दूर-दूर तक कोई रेस्तरां या होटल भी नहीं हैं।

मिस्र से अधिक प्रसिद्ध और प्रभावशाली लोगों के नाम हैं इन पिरामिडों से जुड़े

इन पिरामिडों का इतिहास बेहद पुराना बताया जाता है। कहा जाता है कि ये नुबियन मेरो पिरामिड भले ही मिस्र के पिरामिड से आकार बहुत छोटे हैं, लेकिन मिस्र से अधिक प्रसिद्ध और प्रभावशाली लोगों के नाम इनके साथ जुड़ा है। 

पिरामिड का नाम प्राचीन शहर मेरो से आता है। यह कुश साम्राज्य की राजधानी हुआ करती थी। पुराने अफ्रीकी साम्राज्य के इतिहास में इसका उल्लेख मिलता है। यही राज्य अब सूडान में स्थित है।

मिस्र साम्राज्य से कहीं ज्यादा शक्तिशाली थे यहां के राजा

लगभग 1000 ईसा पूर्व मिस्र के 24 वे राजवंश के पतन के बाद ‘कुश के न्यूबियन साम्राज्य’ की शक्ति नील क्षेत्र में तेजी से उभरी। इतिहास में इसका उल्लेख भी मिलता है कि मिस्र के बहुत से हिस्सों पर कुश साम्राज्य के राजाओं ने कब्जा कर लिया और 712 से 657 ईसा पूर्व तक उन पर शासन किया।

​300 ईसा पूर्व, जब साम्राज्य की राजधानी को बदलकर मैदानी इलाके ‘मेरो’ कर दिया गया और राज्य के लोग वहां चले गए तो जाने से पहले यहां शाही राजाओं की कब्रगाहों को पिरामिडों का रूप दे दिया गया। पिरामिडों के निर्माण की फायरोनिक परंपराओं ने यहां दफ्न किए गए शासकों की कब्रों को अब तक संभाले रखा है।

 

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