1971 में भारत का समर्थन करने वाला पहला मुस्लिम देश था ओमान

भारत के साथ ओमान के पुराने और ऐतिहासिक व्यापारिक रिश्ते रहे हैं. ओमान के तत्कालीन सुल्तान कबूस बिन सैद अल-सैद ने जुलाई 1970 में जब सत्ता अपने हाथों में ली तो उस समय दो ही देश भारत और ब्रिटेन के साथ ही उनके कूटनीतिक संबंध बने. उस उक्त भारत में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार थी. ओमान के प्रति भारत की सहानुभूति का इंदिरा गांधी की सरकार को फायदा भी मिला. वर्ष 1971 में बांग्लादेश की स्थापना के लिए पाकिस्तान से हुई जंग में ओमान पहला मुस्लिम और अरब देश था जिसने भारत का समर्थन किया. उसने संयुक्त राष्ट्र में भी सऊदी अरब, ईरान, जॉर्डन की नाराजगी मोल लेते हुए भारत का समर्थन किया. उसके बाद से ही भारत और ओमान के बीच लगातार कूटनीतिक, राजनीतिक, व्यापारिक और नौसैनिक सहयोग जारी है.

पाकिस्तान के साथ ओमान की दूरी

पाकिस्तान के साथ भी ओमान के संबंध रहे हैं लेकिन भारत जितने गहरे नहीं हैं. ओमान एक शिया बहुल देश है, लेकिन उसकी आबादी में 40 फीसदी सुन्नी भी हैं. देश में सुन्नी मुसलमानों की अच्छी-खासी संख्या होने की वजह से ओमान ईरानी क्रांति के बाद इस्लामी शासन के प्रभाव से बचना चाहता था. वो सऊदी अरब और ईरान के बीच खिंचना नहीं चाहता था तो उसने फैसला किया कि वो ईरान के साथ रहेगा. शिया बहुल होने की वजह से वह पाकिस्तान के भी बहुत करीब नहीं गया. उसने भारत-पाक के बीच रिश्तों में अक्सर भारत का साथ दिया.

भारत की उम्मीदें

समंदर में सुरक्षा के मामले में ओमान भारत की मदद करता आया है. अदन की खाड़ी और सोमालिया में समुद्री लुटेरों से हमारे जहाज बचाने में भी वो हमारे नौसेना को अपने बंदरगाहों में सुविधाएं देता है. वहां पर इफको के बनाए एक फर्टिलाइज़र प्लांट को ओमान गैस मुहैया कराता है और फैक्ट्री में बना काफी सामान भी खरीदता है. लेकिन कुछ मामलों को लेकर वह भारत से नाराज भी है. ओमान पहला मुल्क था जिसने रक्षा सहयोग के लिए सबसे पहले हाथ बढ़ाया था लेकिन भारत ने उसकी बात नहीं मानी.

ओमान जाने वाले पांचवे पीएम है मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पहले चार भारतीय प्रधानमंत्री ओमान जा चुके हैं. 1985 में राजीव गांधी, 1993 में पीवी नरसिम्हा राव, 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी और 2008 में मनमोहन सिंह पश्चिम एशिया के इस देश का दौरा कर चुके हैं. 1996 में पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा और 1999 में पूर्व उप राष्ट्रपति कृष्णकांत ने भी ओमान का दौरा किया था. ओमान के सुल्तान कबूस बिन सैद-अल-सैद भी 1997 में भारत आए थे. उस वक़्त एचडी देवेगौड़ा भारत के प्रधानमंत्री थे.