पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में सबसे ज्यादा बिकने वाला उर्दू अखबार डेली मुजादाला पर पाकिस्तान सरकारन ने ताला लगा दिया है। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के शहर रावलकोट से प्रकाशित होने वाले इस अखबार ने पीओके में रहने वाले लोगों के बीच सर्वे कराया था जिसमें पूछा गया था कि उनका पाकिस्तान में रहने को लेकर क्या विचार है।
रिपब्लिक चैनल के अनुसार करीब 73 प्रतिशत लोगों ने पाकिस्तान में रहने के खिलाफ मतदान किया है। ऐसे नतीजे सामने आने के बाद पाकिस्तान में हड़कंप मच गया और पाकिस्तान सरकार ने आनन फानन में अखबार पर रोक लगा दिया। इसके बाद जब चैनल ने अखबार के एडिटर हारिस क्वादर से बात भी की।
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जब उन से पूछा गया कि लोग आजादी के विषय में क्या बोलते है तो उन्होंने जवाब दिया कि,” हमने लोगों से दो सवाल पूछे पहला कि क्या वो 1948 के कश्मीर के स्टेटस को बदलना चाहते हैं तो ज्यादातर लोग इसपर सहमत दिखे। तो वहीं 73 प्रतिशत कश्मीरी पाकिस्तान से आजादी के पक्ष में नजर आए।” फिर उन्होंने बताया कि इस सर्वे के प्रकाशित होने के बाद पाकिस्तान सरकार ने शुरू में उन्हें नोटिस भेजकर डराया। इसके बाद उन्होंने मेरे दफ्तर पर ताला लगा दिया। ये सर्वे करीब 10 हजार लोगों के बीच कराया गया था वहीं करीब इस सर्वे में 5 साल का वक्त लगा था। जिसमें करीब 73 प्रतिशत कश्मीरी पाकिस्तान से अलग होने की बात पर सहमत पर नजर आए। वैसे ये पहली बार नहीं है कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आजादी की मांग के स्वर उठे हैं। वैसे इससे पहले सिंध और बलूचिस्तान में भी आजादी की मांग उठती रहती है।