इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से सभी स्वास्थ्य संस्थानों ने कार्य का बहिष्कार किया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की बिहार शाखा ने कहा है कि पुलिस की उपस्थिति में डॉ. राजेश पासवान के ऊपर जानलेवा हमला हुआ है। पटना में उनका इलाज चल रहा है। इस तरह की घटनाएं बार-बार हो रही हैं। ऐसे में इसके विरोध में मंगलवार सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में इमरजेंसी कार्य छोड़कर शेष सभी कार्य ठप रहेंगे। इधर, सभी सरकारी अस्पतालों में ओपीडी बाधित होने से करीब 1500 से 2000 मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। मरीज बिना इलाज के ही घर लौट गए। इतना ही नहीं पूर्णिया, कटिहार समेत कई जिलों में प्राइवेट अस्पताल बंद रहने से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
घटना में दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है
आईएमए मुजफ्फरपुर के सचिव डॉ. सुधीर कुमार ने बताया कि पूर्णिया में कार्यरत सर्जन डॉ. राजेश पासवान के क्लिनिक में मरीज के मौत के बाद परिजन डॉक्टर पर जानलेवा हमला कर दिया। पटना में पीड़ित डॉक्टर का इलाज चल रहा है। आईएमए ने चिकित्सा संस्थानों और चिकित्सक के ऊपर हो रहे घटना में दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। हड़ताल को लेकर ओपीडी में आएं मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा।
संगठन की ओर से कोई सूचना प्राप्त नहीं है
इधर, हड़ताल को देखते हुए एसकेएमसीएच के प्राचार्य सह प्रभारी अधीक्षक प्रो. डॉ. आभा रानी सिन्हा ने कहा है कि एसकेएमसीएच में हड़ताल जैसी कोई सूचना प्राप्त नहीं है। हड़ताल के मद्देनजर वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी। वहीं प्रभारी सिविल सर्जन ने कहा है कि संगठन की ओर से कोई सूचना प्राप्त नहीं है।
चिकित्सकों के विरुद्ध हो रही हिंसा पर रोक लगे
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कहा है कि हमारी सरकार से मांग है कि सभी दोषियों पर बिहार चिकित्सीय संस्थान एवं व्यक्ति सुरक्षा नियमावली 2018 के अंतर्गत तुरंत सख्त कानूनी कार्रवाई हो। इसके साथ ही बिहार चिकित्सीय संस्थान एवं व्यक्ति सुरक्षा कानून 2011 में एपिडेमिक डिजिज कानून 2020 के प्रावधानों को भी अविलंब अंतर्निहित किया जाए। ताकि चिकित्सा संस्थानों और चिकित्सकों के विरुद्ध हो रही हिंसा की घटना पर प्रभावी रोक लग सके।