21 जून, रविवार को सूर्य ग्रहण लगेगा। यह कंकणाकृति ग्रहण होगा जिसमें सूर्य वलयाकार दिखाई देगा। ऐसी स्थिति में जब ग्रहण चरम पर होता है तो सूर्य किसी चमकते हुए कंगन, रिंग या अंगूठी की नज़र आता है। ठीक ऐसा ही ग्रहण 25 साल पहले यानी वर्ष 1995 में लगा था। 24 अक्टूबर 1995 का दिन आज भी देश के लोगों को अच्छी तरह से याद है जब भरे दिन में अंधेरा हो गया था। यूं लगा मानो रात हो गई है। पक्षी भी अपने घोंसलों की ओर लौट आए थे। चारों तरफ सर्द हवाएं बह रही थीं। उस ग्रहण की पहले से ही खूब चर्चा थी। जब ग्रहण आया तो उस जमाने के हिसाब से सीमित प्रचार माध्यमों ने उसे बहुत अच्छे ढंग से दिखाया था। स्कूली बच्चों को स्कूल की ओर से मैदान में ग्रहण दिखाने ले जाया था। आंखों पर काली फिल्म या चश्मा लगाकर सभी ने वह दुर्लभ दृश्य देखा था। सूर्य के कंगन की आकृति वाली तस्वीर अखबारों में प्रमुखता से छपी थी। अब 21 जून, 2020 को लगने जा रहा सूर्य ग्रहण भी कंकणाकृति होगा जो पुराने ग्रहण की याद ताजा़ करेगा। इसे लेकर जबर्दस्त जिज्ञासा का माहौल है। आइये आपको उस समय के कुछ वीडियो बताते हैं।
सूर्य के वलय पर दिखाई देगा पूरे आकार का चांद
21 जून के ग्रहण के समय सूर्य के वलय पर चांद अपने संपूर्ण आकार में दिखाई देगा। यहां सूर्य का केंद्रीय भाग पूरी तरह से अंधेरा यानी काला दिखाई देगा। इसके किनारों पर जरूर चमक बनी रहेगी। इस प्रकार के ग्रहण को दुनिया में चुनिंदा स्थानों पर ही देखा जाता है। कई जगहों पर ग्रहण दिखाई तो देता है लेकिन वह आंशिक होता है। सूर्य ग्रहण के समय अक्सर दो चंद्र ग्रहण का भी संयोग होता है। या तो दोनों चंद्र ग्रहण सूर्य ग्रहण से पहले घटते हैं या बारी-बारी से एक पहले व एक बाद में होता है। इस बार 21 जून को भी ऐसा हो रहा है। 5 जून को चंद्र ग्रहण लगा था, अब 5 जुलाई को भी चंद्र ग्रहण होगा।
2020 में कुल इतने ग्रहणों का योग
– पहला: 10-11 जनवरी, चंद्र ग्रहण
– दूसरा: 5 जून को चंद्र ग्रहण था
– तीसरा: 21 जून को होगा, यह सूर्य ग्रहण होगा
– चौथा: 5 जुलाई को होगा, चंद्र ग्रहण होगा
– पांचवा: 30 नवंबर को होगा। यह इस वर्ष का तीसरा चंद्र ग्रहण होगा
– छठा: 14 दिसंबर को होगा, यह साल का दूसरा सूर्य ग्रहण होगा