नोटबंदी के दौर में 10 लाख नौकरियां देगा यह सेक्‍टर

finance-career_20161217_142058_17_12_2016नोटबंदी के फैसले के बाद सरकारी और निजी क्षेत्र के बैंकों का महत्व और बढ़ गया है। केपीएमजी-एनएसडीसी की एक स्टडी रिपोर्ट के अनुसार, 2017 से 2022 के बीच देश में बैंकिंग, फाइनेंस सर्विसेज व इंश्योरेंस सेक्टर में करीब 10 लाख अतिरिक्त नौकरियों के पैदा होने का अनुमान है। अगर आप भी रुपयों के मैनेजमेंट में रुचि रखते हैं, तो लगातार बढ़ रहे इस सेक्टर में अपना करियर सुरक्षित कर सकते हैं।

करियर के लिहाज से बैंकिंग हमेशा से एक सुरक्षित फील्ड रहा है। इस क्षेत्र में निरंतर प्रगति व सुधार भी हो रहे हैं। आज एक बड़ी आबादी के पास अपने बैंक खाते हैं, हाथों में डेबिटक्रेडिट कार्ड हैं। ई-बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग जैसी सुविधाएं हैं, जिन्होंने बैंकिंग के भविष्य को और ज्यादा उज्जवल बना दिया है। इससे बैंकों के बीच प्रतिस्पर्धा भी बढ़ रही है। सभी बैंक और वित्तीय संस्थाओं को अपनी व्यवस्थाओं को और मजबूत करने के लिए पेशेवर लोगों की आवश्यकता पड़ रही है। साथ ही, नए बैंकों को लाइसेंस दिए जाने की योजना से इस क्षेत्र में और अवसर सृजित होने की संभावना बढ़ गई है।

बेहतर संभावनाएं

देश में अभी सार्वजनिक क्षेत्र के कुल 26 बैंक (स्टेट बैंक व उसके सहयोगी बैंकों सहित) हैं। आईसीआईसीआई, एचडीएफसी, एक्सिस बैंक, सिटी बैंक समेत करीब 25 निजी बैंक भी हैं। विदेशी बैंकों की संख्या भी 43 के करीब है, जिनकी शाखाएं देश के विभिन्न शहरों में हैं। इसके अलावा, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, सहकारी बैंक और वाणिज्यिक बैंकों की भी हजारों शाखाएं देश भर के छोटे, मझोले शहरों और गांव-कस्बों में चल रही हैं। इन सभी बैंकों को बड़े पैमाने पर और नियमित रूप से प्रोफेशनल्स की जरूरत होती है। तेजी से बढ़ते बैंकिंग कारोबार को देखते हुए अनुमान है कि वर्ष 2020 तक भारत दुनिया का सबसे बड़ा बैंकिंग हब बन जाएगा।

बैंकिंग कोर्सेज की मांग

टीकेडब्ल्यूएस इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग एंड फाइनेंस के निदेशक अमित गोयल के अनुसार, बैंकिंग एंड फाइनेंस से संबंध‍ित कोर्स युवाओं को फाइनेंस प्रोफेशनल बनाने में काफी मददगार साबित हो रहे हैं। एक विद्यार्थी कैसे एक प्रोफेशनल बैंकर बने? किसी भी आपात स्थिति में किस तरह काम करे? फाइनेंशियल प्लानिंग और व्यापार लेन-देन को कैसे अच्छे से संभाला जाए? इन सब के बारे में विद्यार्थियों को विध‍िवत प्रशिक्षण दिया जाता है। खास तौर से उन युवाओं के लिए यह क्षेत्र बहुत ही अच्छा है, जो वित्तीय बाजार में काम करने के इच्छुक हैं। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पीओ, क्लर्क-कम-कैशियर और अन्य पदों पर ग्रेजुएशन के बाद आईबीपीएस और एसबीआई द्वारा आयोजित की जाने वाली प्रतियोगिता परीक्षा देनी होती है। मगर निजी बैंक प्रोफेशनल्स की नियुक्ति के लिए बैंकिंग और फाइनेंस में प्रशिक्षित युवाओं को प्राथमिकता देते हैं।

कहां-कहां हैं अवसर?

युवाओं के लिए बैंकों में सबसे ज्यादा नौकरी के अवसर फाइनेंस, मार्केटिंग और पीआर सेक्टर में हैं, जहां पर क्लर्क, पीओ, ब्रांच मैनेजर, सेल्स मैनेजर, कलेक्शन मैनेजर, फील्ड ऑफिसर समेत अनेक बेहतर प्रोफाइल वाली नौकरियां मौजूद हैं। इसके अलावा इंटरनेशनल बैंकिंग, कॉरपोरेट लोन्स, फाइनेंशियल रिसर्च, ट्रेजरी और फॉरेक्स जैसे विभागों में भी ढेरों विकल्प हैं।

कौन-से कोर्स?

युवाओं को प्रोफेशनली तैयार करने के लिए बैंकिंग एंड फाइनेंस में कई कोर्स संचालित हो रहे हैं, जैसे डिप्लोमा इन बैंकिंग एंड फाइनेंस, एमबीए इन बैंकिंग/ बैंकिंग मैनेजमेंट, पीजी डिप्लोमा इन बैंकिंग, इंश्योरेंस एंड फाइनेंशियल सर्विसेज, ग्लोबल पीजी डिप्लोमा इन बैंकिंग एंड फाइनेंस आदि। आम तौर पर ये सभी कोर्स एक वर्ष की अवध्‍‍ा‍ि के होते हैं, जिन्हें आप ग्रेजुएशन के बाद कर सकते हैं। इन पाठ्यक्रमों के लिए कोई स्ट्रीम निर्धारित नहीं है। हालांकि कई संस्थानों में कोर्स में प्रवेश के लिए ग्रेजुएशन में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक होना अनिवार्य है। इसके अलावा, कुछ संस्थान प्रवेश परीक्षाएं भी आयोजित करते हैं।

सैलरी कितनी?

बैंकिंग और फाइनेंस सेक्टर अपने आकर्षक पे-पैकेज के कारण भी युवाओं को खूब लुभा रहा है, खास तौर पर निजी क्षेत्र के बैंक। आम तौर पर कोर्स खत्म होने के बाद ऐसे प्रोफेशनल्स को शुरुआत में ही 20 से 25 हजार रुपए की मासिक सैलरी मिल जाती है। दूसरी ओर, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में शुरुआती वेतनमान इससे कहीं अध‍िक होता है।

 

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