अगर आप 8 घंटे की पूरी नींद लेते हैं लेकिन इसके बावजूद आप थका हुआ महसूस करते हैं तो कहीं इसका समबंध आपके नींद लेने की रूटीन से हो सकता है। सही समय पर नींद न लेने से आपके बायोलॉजिकल क्लॉक पर इसका असर पड़ता है। इससे आपको नींद की परेशानी तो होगी ही साथ ही आपको भूख की भी समस्या हो सकती है। ऐसे में जरुरी है कि आप अपने सोने का समय निर्धारित कर लें।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
दरअसल, एक्सपर्ट के मुताबिक एक तरफ जहां नींद का सही रूटिन जरूरी है वहीं यह भी जरूरी है कि आप भरपूर नींद लें, जो अलग-अलग लोगों में अलग-अलग होता है और सभी के सोने के तरीके भी अलग होते हैं। आपको बता दें कि, फोन का लगातार इस्तेमाल भी हमारी नींद को प्रभावित करता है। ऐसे में सोते समय सभी गैजेट बंद करके सोना चाहिए।
क्या कहता है शोध ?
हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में कराए गए सेली स्लीप सर्वे में पाया गया कि 70 फीसदी लोग मानते हैं कि उनकी कम नींद का असर उनके रोज के काम पर पड़ता है।स्लीप एक्सपर्ट डॉक्टर कार्मेल के अनुसार यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले और काम करने वाले 18 से 25 साल के लोगों को रात में 7-9 घंटे की नींद लेनी चाहिए। 26-60 साल की महिलाओं को करीब 7-9 घंटे की नींद लेनी चाहिए। वहीं 60 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं को 7-8 घंटे सोना चाहिए। तो अगर आप भी अपनी नींद के अथ लापरवाही करते हैं तो सावधान हो जाइए। अपने सोने का समय निर्धारित कर लीजिये इससे आपके कार्य पर भी असर नहीं पड़ेगा।