सालों से वैज्ञानिक यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या ब्रह्मांड में हम अकेले हैं या किसी और ग्रह पर जीवन है। अब इस बीच वैज्ञानिकों ने एक खोज की है जिसने उनकी जिज्ञासा को और बढ़ा दिया है। उन्होंने एक रहस्यमयी सौर मंडल की खोज की है। नासा के रिटायर्ड केपलर अंतरिक्ष टेलीस्कोप ने सात ग्रहों वाले एक सिस्टम की खोज की है। इसमें हर ग्रह को हमारे सौर मंडल के किसी भी ग्रह की तुलना में अपने तारे से अधिक चमकदार गर्मी मिलती है।
इस ग्रहीय प्रणाली का नाम केपलर-385 है, जिसकी खासियत है कि इसके सभी ग्रह धरती से बड़े हैं, लेकिन नेपच्यून से छोटे हैं। कुछ ज्ञात ग्रहीय प्रणालियों की तरह केप्लर-385 भी है, जिसमें छह से अधिक सत्यापित ग्रह या ग्रह की कैटिगिरी में हैं। केपलर ने अभी तक करीब 4,400 ग्रह उम्मीदवारों की खोज की है।
कैलिफोर्निया की सिलिकॉन वैली में नासा के एम्स (Ames) रिसर्च सेंटर के शोध वैज्ञानिक जैक लिसाउर ने बताया कि हमने केपलर के सबसे उपयुक्त ग्रह के उम्मीदवारों की एक सूची तैयार की है।
जैक मुख्य लेखक भी हैं, जिन्होंने नई लिस्ट प्रस्तुत की है। उन्होंने बताया कि इस सूची से खगोलविदों को एक्सोप्लैनेट की विशेषताओं को समझने के लिए क्षमता प्राप्त होगी। केपलर-385 ग्रहीय प्रणाली के केंद्र में सूर्य की तरह एक तारा है।
यह तारा हमारे सूर्य से 10 प्रतिशत अधिक बड़ा और 5 फीसदी अधिक गर्म है। इसके दो ग्रह धरती से थोड़े बड़े और संभवतः चट्टानी हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक, इनका वातावरण पतला हो सकता है। दूसरे बाकी ग्रह बेहद बड़े हैं और हर की त्रिज्या धरती के आकार से करीब दोगुनी है और उनके घने वायुमंडल में ढके होने की उम्मीद है।
केपलर के डेटा से मिली रही नई जानकारी
केपलर-385 प्रणाली का इतने विस्तार से वर्णन करने की क्षमता से लेटेस्ट कैटलॉग की क्वालिटी का पता चलता है। पिछले कैटलॉग का मकसद अन्य सितारों के आसपास ग्रहों की व्यापकता के बारे में पता करना था।
अब नए कैटलॉग का मकसद प्रत्येक प्रणाली के बारे में सटीक डेटा का पता लगाना है। साल 2013 में केपलर का प्राथमिक अवलोकन पूरा हो गया था, जिसके बाद इसके मिशन को बढ़ाया गया। इस मिशन को K2 के नाम से जाना जाता है, जो 2018 तक जारी रहा। केप्लक की ओर से जुटाए गए डेटा से आज भी नए रहस्यों का खुलासा हो रहा है।