उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव प्रचार अपने अंतिम चरण पर पहुंच चुका है. जबकि दो चरण के मतदान बाकी हैं. लेकिन सपा के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने इस साल के चुनाव प्रचार अभियान में सिर्फ दो रैलियों को ही संबोधित किया है जबकि पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने 300 रैलियों को संबोधित किया हैं.
बता दें कि मुलायम सिंह यादव सिर्फ अपने छोटी बहू अपर्णा यादव और भाई शिवपाल सिंह यादव के लिए चुनाव प्रचार किया है. अपर्णा लखनऊ कैंट से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं और शिवपाल इटावा के जसवंतनगर से मैदान में हैं.
मुलायम ने 2012 के विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान 300 से ज्यादा रैलियों को संबोधित किया था. वहीं, 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने अपने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए सिर्फ 18 रैलियां की थी.
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इस मामले में जब न्यूज18 हिन्दी ने यूपी बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि से बात की तो उन्होंने बताया कि वैसे तो ये इनके परिवार का अंदरुनी मामला है, क्योंकि अखिलेश ने अपने पिता मुलायम सिंह और चाचा शिवपाल यादव के साथ जो व्यवहार किया है. उसे देखते हुए मुलायम सिंह को पता है कि समाजवादी पार्टी यूपी में हारने वाली है. इसी वजह से उन्होंने चुनाव प्रचार से अपने को अलग कर लिया.
समाजवादी पार्टी की प्रवक्ता मोहम्मद शाहिद ने बताया कि जो भी घटनाक्रम बीते तीन महीनों के अंदर पार्टी में घटित हुई है, उससे नेता जी नाराज है, यही वजह है कि उन्होंने इस चुनाव में प्रचार कम किया है.
यूपी में सात चरणों में वोटिंग
उत्तर प्रदेश में 11 फरवरी से 8 मार्च के बीच सात चरणों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. केंद्र में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने के बाद जिस तरह से बीजेपी को दिल्ली और बिहार में करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है, वैसे में उत्तर प्रदेश का चुनाव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है.
मुख्यमंत्री चेहरे को सामने न लाकर एक बार फिर बीजेपी ने पीएम मोदी के चेहरे पर दांव खेला है. इसका कितना फायदा उसे इन चुनावों में मिलेगा वह 11 मार्च को सामने आ ही जाएगा.