देहरादून: उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में एक नाबालिग बच्ची को बेचने के मामले में माँ और बुआ समेत 4 दोषियों को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गई है। इन लोगों ने मिल कर 20,000 रुपए में नाबालिग बच्ची का सौदा किया था, जिसके बाद उसे ले जाकर जिस्मफरोशी में धकेलने की योजना बनाई जा रही थी। इस मामले में एक और दोषी था, जो पहले ही मर चुका है। ये घटना 2015 में पिथौरागढ़ के तिलढुकरी में सामने आई थी।
उत्तराखंड पुलिस, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग टीम और कुछ जागरूक लोगों ने नाबालिग लड़की का सौदा कर रहे इन लोगों को गिरफ्तार किया था। नाबालिग की माँ विमला कार्की डीडीटाह की निवासी है, वहीं आरोपितों में शामिल मुँहबोली बुआ का नाम गंगा है। यूपी के रहने वाले अकरम खान, जमील अहमद और तस्लीम को भी गिरफ्तार किया गया था। अकरम खान विवाह के बहाने नाबालिग को उत्तर प्रदेश ले जाकर उसे देहव्यापार में धकेलने की तैयारी में लगा हुआ था।
जब पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार किया, तब नाबालिग इनके साथ ही थी। अदालत में तभी से चल रहे इस मामले में सोमवार (13 जुलाई, 2021) को फैसला आया था। पीड़िता की ओर से पैरवी करते हुए जिला शासकीय वकील प्रमोद पंत व वकील प्रेम सिंह भंडारी ने पुलिस का पक्ष रखा। विशेष सत्र न्यायाधीश डॉक्टर ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा ने चारों दोषियों को उम्रकैद की सज़ा सुनाई। अकरम खान पहले ही मर चुका है।