स्टॉकहोम। दुनिया के अरबपतियों में शुमार बहुराष्ट्रीय कंपनी आइकिया के संस्थापक इंगवार कम्प्राड नहीं रहे। वह 91 वर्ष के थे। कंपनी के मुताबिक, उन्होंने स्वीडन स्थित अपने घर पर अंतिम सांस ली। इंगवार 20वीं सदी के महान उद्यमियों में गिने जाते हैं। मालूम हो, आइकिया दुनिया की सबसे बड़ी फर्नीचर रिटेल कंपनी है। कंपनी के दुनिया के 49 देशों में 412 स्टोर हैं। इंगवार ने हमेशा कबाड़ी बाजार से खरीदे कपड़े पहने और 15 साल पुरानी कार से सफर किया। यही नहीं, वह खाना भी सस्ते रेस्तरां में खाते थे।
इंगवार का जन्म 30 मार्च, 1926 को स्वीडिश प्रांत स्मालैंड के एल्मतरीड नामक फार्म पर हुआ था। उस समय स्वीडन की अर्थव्यवस्था कृषि आधारित थी। बचपन से कारोबारी बुद्धि के इंगवार ने छह वर्ष की उम्र में ही बिना पूंजी के व्यवसाय शुरू किया। वह थोक में सस्ती माचिस उधार लाते और थो़ड़े मुनाफे में घर-घर जाकर बेच देते थे। इन्हें बेचकर वह उधारी चुका दिया करते थे।
दस वर्ष की उम्र में जब वे साइकिल चलाने लगे, तो पड़ोस के गांवों में माचिस बेचने लगे। बाद में इसके साथ मछली, क्रिसमस ट्री सजाने की वस्तुएं, बीज, बॉलपॉइंट पेन और पेंसिलें बेचने लगे। इससे उनकी आमदनी बढ़ गई। पढ़ाई में भी वह अच्छे थे। इसलिए जब डिसलेक्सिया के बावजूद उन्हें कक्षा में अच्छा प्रदर्शन किया, तो उनके पिता ने इनाम में कुछ पैसे दिए। उन्हीं पैसों से उन्होंने 17 वर्ष की उम्र में 1943 में आइकिया कंपनी शुरू की। दरअसल, एक बार वे अपनी कार में एक टेबल रखने की कोशिश कर रहे थे। तभी उन्हें आसानी से पैक किए जा सकने वाले फर्नीचर बनाने का ख्याल आया, जो कहीं भी ले जाए जा सकें। आगे चलकर यह बड़ा बिजनेस बन गया।
कंपनी ने शुरआत में किचन टेबल बेची। वह स्थानीय कारीगरों से सस्ते में फर्नीचर खरीदते थे और अच्छे दामों पर बेच देते थे। इंगवार की कंपनी की बुनियादी अवधारणा है-सरल, किफायती फर्नीचर का उत्पादन, वितरण और अपने स्टोरों में बिक्री। इंगवार का मानना था कि कंपनी का उत्पाद ऐसा हो कि हर कोई स्टाइलिश, आधुनिक फर्नीचर का उपयोग कर सके। उन्होंने न सिर्फ लागत खर्च घटाकर मुनाफा कमाया, बल्कि लोगों की सेवा भी की। आज दुनिया के 38 देशों में 412 से ज्यादा आइकिया स्टोर हैं।
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