लगभग दो हफ्ते से अपने बेहद करीबी मंत्री राणा गुरजीत सिंह का इस्तीफा अपने पास रखकर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह चारों तरफ से घिर गए हैं. विपक्ष ने उन को निशाना बनाते हुए कहा है कि इस्तीफे से ना केवल रेत की खानों के ठेकों में हुई धांधली साबित हुई है बल्कि यह भी साफ हो गया है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह राणा गुरजीत सिंह का इस्तीफा मंजूर करने के पक्ष में नहीं हैं.
आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग
अकाली दल के प्रवक्ता दलजीत सिंह चीमा ने कहा है कि राणा गुरजीत सिंह के इस्तीफे से यह साबित हो गया है कि वह रेत खनन में हुई गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार थे क्योंकि रेत की ज्यादातर खान उनके कर्मचारियों और उनके करीबियों को मिली थी. उन्होंने कहा है कि राणा गुरजीत सिंह ने सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाया है इसलिए उनके खिलाफ तत्काल प्रभाव से आपराधिक मामला दर्ज किया जाना चाहिए.
AAP ने कांग्रेस सरकार पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप
उधर आम आदमी पार्टी ने भी पंजाब की कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. नेता विपक्ष सुखपाल सिंह खैरा ने कांग्रेस को घेरते हुए कहा है कि विधानसभा चुनावों के दौरान रेत की कालाबाजारी और अवैध खनन को उछालने वाली कांग्रेस खुद रेत की खदानें अपने एक मंत्री के रसोइए और उनके कर्मचारियों व करीबियों को बांटकर खुद भ्रष्टाचार में लिप्त है.
लगभग दो हफ्ते से मंत्री का इस्तीफा स्वीकार ना करने पर भी कैप्टन अमरिंदर सिंह की आलोचना हो रही है. अकाली दल नेताओं ने कहा है कि अगर राणा गुरजीत सिंह सही मायने में अपनी गलती मानते हैं तो उनका इस्तीफा कैप्टन अमरिंदर सिंह और राहुल गांधी को सौंपने के बजाए उसे राज्यपाल को भेजना चाहिए था.
राहुल गांधी से मिलने दिल्ली पहुंचे कैप्टन
उधर कैप्टन अमरिंदर सिंह अपने मंत्रिमंडल विस्तार और राणा गुरजीत सिंह के इस्तीफे पर राहुल गांधी की मुहर लगाने के लिए दिल्ली पहुंच गए हैं. वह बुधवार को राहुल गांधी से मुलाकात करेंगे.
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