राजस्व खुफिया निदेशालय ने नोएडा में आभूषण बनाने वाली एक कंपनी के मालिक को गिरफ्तार कर 150 करोड़ रुपये का कथित फर्जीवाड़ा उजागर करने का दावा किया है। आरोप है कि उसने नोटबंदी के बाद से दुबई से आयातित सोने को भारतीय बाजारों में पहुंचा दिया है।
राजस्व खुफिया निदेशालय ने एक बयान में कहा है कि घरेलू बाजारों में पहुंचाए गए सीमा शुल्क मुक्त सोने की कीमत 150 करोड़ रुपये है। आशंका है कि सरगना ने बैंक और अन्य एजेंसियों में बॉन्ड के तौर पर आभूषण बनाने के लिए रखे सोने की छड़ों को भी बाजारों में पहुंचा दिया। फैक्ट्री के मालिक को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसके घर व व्यावसायिक ठिकानों पर छापे के दौरान करीब 12 करोड़ रुपये मूल्य के 40 किलो सोना जब्त किया गया।
बयान में कहा गया है कि नोएडा स्पेशल इकोनोमिक जोन स्थित इस इकाई द्वारा घोटाले का मकसद दुबई से तस्करी कर लाए गए उच्च शुद्धता के सोने को बाजारों में पहुंचाकर 10 फीसदी सीमा शुल्क देने से बचना था। एजेंसी ने दिल्ली के कार्गो टर्मिनल में कंपनी के कनसाइनमेंट को रोक कर पूछताछ की तो बताया गया कि यह 22 कैरेट के स्वर्ण आभूषण हैं, जिन्हें नोएडा स्पेशल इकोनोमिक जोन से निर्यात किया जाना है।
गहन जांच के बाद कनसाइनमेंट में ज्यादातर तांबे की चेन पायी गई और उसमें कोई सोना नहीं था। वहीं नोएडा स्पेशल इकोनोमिक जोन स्थित फैक्ट्री से दुबई भेजने के लिए तैयार दूसरे कनसाइनमेंट को रोक दिया गया। फैक्ट्री मालिक द्वारा बताए गए उसमें कुल 35 किलो सोने के आभूषण में 85 से 90 फीसदी तांबा और मिश्र सस्ते धातु के थे। जबकि वास्तविक आयातित उच्च शुद्धता वाले सोने को स्थानीय बाजारों में बेच दिया गया। एजेंसी के अधिकारी आयातित सोने को बरामद करने के लिए डीलरों और खरीदारों के कई ठिकानों पर छापेमारी कर रहे हैं
वित्त मंत्रालय के एक अफसर के मुताबिक, खुफिया रिपोर्ट के आधार पर राजस्व खुफिया विभाग ने पूरे देश में छापेमारी की और सोना जब्त किया है। छापेमारी जारी है ऐसे में किसी एक व्यक्ति के खिलाफ बोलना उचित नहीं है। डीआरआई ने पहले भी छापेमारी की है, लेकिन नोटबंदी के बाद फर्जीवाड़े की गतिविधियों को देखते हुए इस बार खुफिया एजेंसियां अधिक सतर्कता बरत रही हैं।
बयान में कहा गया है कि नोएडा स्पेशल इकोनोमिक जोन स्थित इस इकाई द्वारा घोटाले का मकसद दुबई से तस्करी कर लाए गए उच्च शुद्धता के सोने को बाजारों में पहुंचाकर 10 फीसदी सीमा शुल्क देने से बचना था। एजेंसी ने दिल्ली के कार्गो टर्मिनल में कंपनी के कनसाइनमेंट को रोक कर पूछताछ की तो बताया गया कि यह 22 कैरेट के स्वर्ण आभूषण हैं, जिन्हें नोएडा स्पेशल इकोनोमिक जोन से निर्यात किया जाना है।
गहन जांच के बाद कनसाइनमेंट में ज्यादातर तांबे की चेन पायी गई और उसमें कोई सोना नहीं था। वहीं नोएडा स्पेशल इकोनोमिक जोन स्थित फैक्ट्री से दुबई भेजने के लिए तैयार दूसरे कनसाइनमेंट को रोक दिया गया। फैक्ट्री मालिक द्वारा बताए गए उसमें कुल 35 किलो सोने के आभूषण में 85 से 90 फीसदी तांबा और मिश्र सस्ते धातु के थे। जबकि वास्तविक आयातित उच्च शुद्धता वाले सोने को स्थानीय बाजारों में बेच दिया गया। एजेंसी के अधिकारी आयातित सोने को बरामद करने के लिए डीलरों और खरीदारों के कई ठिकानों पर छापेमारी कर रहे हैं
वित्त मंत्रालय के एक अफसर के मुताबिक, खुफिया रिपोर्ट के आधार पर राजस्व खुफिया विभाग ने पूरे देश में छापेमारी की और सोना जब्त किया है। छापेमारी जारी है ऐसे में किसी एक व्यक्ति के खिलाफ बोलना उचित नहीं है। डीआरआई ने पहले भी छापेमारी की है, लेकिन नोटबंदी के बाद फर्जीवाड़े की गतिविधियों को देखते हुए इस बार खुफिया एजेंसियां अधिक सतर्कता बरत रही हैं।