नई दिल्ली: दुबई में नौकरी करने वाले एक भारतीय ने वतन वापसी की कोशिश में अदालत की कार्यवाही में भाग लेने के लिए दो साल में एक हजार किलोमीटर से अधिक पैदल यात्रा की। मंगलवार को एक अखबार ने इस बारे में खबर प्रकाशित की।
‘खलीज टाइम्स’ को जगन्नाथन सेल्वाराज (48) ने बताया कि वह तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली का निवासी है। उसने अखबार को भारी यातायात, गर्मी, रेत की आंधी और थकान की परवाह किए बगैर श्रम न्यायालय की कार्यवाही में भाग लेने आने की अपनी कहानी बताई।
सेल्वाराज की अदालत की यात्रा तमिलनाडु में उसकी मां की मौत के बाद शुरू हुई थी। तब उसे मां के अंतिम संस्कार में भाग लेने जाने की इजाजत नहीं मिली थी। उसका मामला करीब दो साल चला। सेल्वाराज ने कहा कि उसे सोनापुर से दुबई के करामा जिले में कम से कम 20 बार जाना पड़ा। उसके लिए चार घंटे में 50 किलोमीटर से अधिक दूरी पैदल तय करना जरूरी था।
उसने बताया कि वह सोनापुर में जहां रहता है, वहां से दुबई के बाहरी इलाके में स्थित श्रम न्यायालय तक जाने के लिए बस का किराया नहीं चुका सकता। सेल्वाराज ने ‘खलीज टाइम्स’ को कहा कि वह कई महीने से एक सार्वजनिक पार्क में रह रहा है और भारत लौटने के लिए बेचैन है।
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