चीन के बाद कोरोनावायरस अब दुनिया के 17 देशों में पहुंच चुका है। भारत, नेपाल, तिब्बत, कंबोडिया और श्रीलंका में इसके एक-एक मरीज मिल चुके हैं। ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसे देखते हुए अंतरराष्ट्रीय आपातकाल घोषित कर दिया है। हालांकि इससे पहले डब्ल्यूएचओ ने लोगों के मास्क पहनने को लेकर सलाह दी थी। वहीं चीन में इस खतरनाक वायरस से मरने वालों की संख्या 213 पहुंच चुकी है।
डब्ल्यूएचओ सभी देश की सरकारों को सलाह दी थी कि मास्क हर किसी के लिए जरूरी नहीं है। अगर कोई सांस संबंधी समस्या से ग्रस्त है। कफ या अन्य तरह की सांस लेने में दिक्कत होती है। अगर किसी सांस रोगी के आसपास हैं या फिर स्वास्थ्य कर्मचारी। यही लोग मास्क पहन सकते हैं।
जिन लोगों को सांस संबंधी परेशानी नहीं है उन्हें मास्क की जरूरत भी नहीं है। आमतौर पर जब भी इस तरह के संक्रमण की घटनाएं सामने आती हैं तो मार्केट में मास्क की बिक्री चरम पर पहुंच जाती है। हर कोई एन 95 से लेकर तमाम तरह के महंगे-सस्ते मास्क खरीदता है।
भारत में मास्क की ऑनलाइन बिक्री पर ऑफर भी दिए जाते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का यहां तक कहना है कि लोग एकदम से पैनिक हो जाते हैं और उन्हें लगता है कि मास्क अगर वे लगा लेंगे तो बच जाएंगे। जबकि ज्यादात्तर लोगों को न मास्क की जरूरत होती है और न ही उनके संक्रमित होने का डर होता है।
इसके बाद भी अगर कोई मास्क लगाना चाहता है तो जरूरी है कि उसका मुंह और नाक पूरी तरह से मास्क कवर कर रहा हो। सिंगल यूज मास्क को एक बार इस्तेमाल के बाद दोबारा उपयोग में नहीं लाना चाहिए। जब मास्क को हटाएं उसके बाद हाथों को जरूर अच्छे से धोएं। अगर खांसी या नाक से पानी निकलता है तो साफ टिश्यू से उसे साफ करें और उसे फेंकने के बाद भी अच्छे से हाथ साफ करें।
वुहान में फंसे भारतीयों को बचाने आज रवाना होंगे विशेष विमान
चीन में फैले कोरोनावायरस को देखते हुए भारत सरकार वुहान प्रांत में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए तैयारी कर रही है। इसके तहत दो विशेष विमानों को शुक्रवार को चीन रवाना किया जाएगा। वुहान प्रांत कोरोनावायरस का सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र है। इस वायरस से अब तक 170 लोगों की मौत हो गई है और 7,711 लोग संक्रमित है। वहीं, यह वायरस अब तक दुनिया के 17 देशों में फैल चुका है।
दुनिया में वायरस की ये है स्थिति
30 जनवरी तक दुनिया भर में कोरोना वायरस के कुल 7711 मामले दर्ज किए हैं जिनमें से 170 लोगों की मौत हो चुकी है। चीन के अलावा दुनिया के 21 देशों तक कोरोना वायरस पहुंच चुका है। भारत, श्रीलंका, नेपाल, फिनलैंड, एंगोला और कंबोडिया में एक-एक केस सामने आ चुका है।
जबकि थाईलैंड (14), सिंगापुर (10), जापान (08), मलेशिया (07), ऑस्ट्रेलिया और यूएसए में पांच-पांच केस दर्ज हुए हैं। वहीं फ्रांस, दक्षिणी कोरिया, जर्मनी और यूएई में चार-चार, वियतनाम व कनाडा में दो-दो, हांगकांग (10), ताइवाइन (08) और मकाओ में सात मरीज सामने आ चुके हैं।
बृहस्पतिवार को तिब्बत में भी कोरोनावायरस का पहला मामला सामने आया गया। बताया जा रहा है कि चीन के हुबई प्रांत से लौटा यह व्यक्ति कोरोना से संक्रमित है। कोरोनावायरस अब श्रीलंका, इंडोनेशिया, संयुक्त अरब अमीरात, ऑस्ट्रेलिया, भारत, तिब्बत समेत कई देशों में पहुंच चुका है।
भारत में कोरोनावायरस की दस्तक, केरल की छात्रा मिली पॉजीटिव
चीन में लोगों की जान ले रहा कोरोना वायरस अब भारत में भी दस्तक दे चुका है। केरल की एक छात्रा कोरोना वायरस पॉजीटिव मिली है। ये छात्रा चीन के वुहान में पढ़ती है। बृहस्पतिवार को पुणे स्थित भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की प्रयोगशाला में छात्रा का सैंपल पॉजीटिव आने के बाद हड़कंप मच गया।
आनन फानन में केंद्र और राज्य की टीमें बचाव कार्यों में जुट गई हैं। पुणे स्थित आईसीएमआर-एनआईवी की निदेशक डॉ. प्रिया अब्राहम ने बताया कि अब तक उनके यहां 49 सैंपल की जांच हो चुकी है। इनमें से केवल एक ही सैंपल केरल की छात्रा का पॉजीटिव मिला है। चीन के वुहान में ये छात्रा पढ़ रही थी।
कोरोना वायरस की पुष्टि होने के बाद एक और टेस्ट में जुट गई है। शुक्रवार दोपहर तक इसकी रिपोर्ट आ सकती है। उन्होंने ये भी बताया कि हर दिन 9 से 10 सैंपल प्रयोगशाला में जांच के लिए पहुंच रहे हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि दिल्ली के आरएमएल अस्पताल से आए तीनों मरीजों के सैंपल निगेटिव मिले हैं।
उधर केरल की छात्रा के पॉजीटिव मिलने के बाद दिल्ली में भी खासा हड़कंप देखने को मिला। आनन फानन में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की उच्चस्तरीय कमेटी बैठक में व्यस्त रही। इन बैठक में अन्य मंत्रालयों और राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे। सभी राज्यों के मुख्य सचिव को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए कोरोना वायरस से जुड़े अहम आदेश भी दिए गए हैं।
मुख्य सचिवों को दिए निर्देशों में 15 जनवरी के बाद चीन से भारत आए सभी लोगों की तत्काल जांच करने, इन सभी को कम से कम 14 दिन तक घरों में बंद रखा जाए, इस वक्त चीन की यात्रा को टालने के लिए जागरूकता लाई जाए। इसके अलावा बेहतर सर्विलांस के जरिए टूरिस्ट पॉइंट पर चौकसी को और बढ़ा दिया जाए।
गांवों में लोगों को जागरूक करने के लिए ग्राम पंचायतों का सहारा लिया जाए। सभी राज्य अपने अपने यहां कंट्रोल रुम, नोडल सेंटर और नोडल अधिकारी को नियुक्त करें। स्थानीय भाषाओं में कोरोना वायरस के प्रिवेंशन से जुड़ी सभी जानकारियों को लोगों तक पहुंचाया जाए।
दिल्ली एम्स में भी होगी अब जांच
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने फैसला लिया है कि देश भर से पुणे प्रयोगशाला में सैंपल काफी पहुंच रहे हैं। इसलिए बृहस्पतिवार से दिल्ली एम्स सहित छह प्रयोगशालाओं में जांच की शुरुआत की है। दिल्ली एम्स के अलावा एनआईवी बैंग्लोर, विक्टोरिया अस्पताल बैंग्लोर, एनसीडीसी दिल्ली, कस्तूरबा अस्पताल मुंबई और केरल स्थित एनआईवी प्रयोगशाला शामिल है।
आज से यहां भी होंगी कोरोना की जांच
शुक्रवार से आईसीएमआर-एनआईसीईडी कोलकात्ता, जीएमसी सिंकद्राबाद, केजीएमयू लखनऊ, एसएमएस जयपुर, आईजीजीएमसी नागपुर और केआईपीएमआर चैन्ने की प्रयोगशालाओं में भी कोरोना वायरस से संदिग्ध मरीजों के सैंपल की जांच की जाएगी।