कैप्सूल आकार का पेसमेकर लगाकर 62 वर्षीय बुजुर्ग की जान बचाने में रीजेंसी हॉस्पिटल के डॉक्टर कामयाब हुए हैं। उनका दावा है कि दुनिया का सबसे छोटा दो ग्राम का पेसमेकर है। सूबे में पहली बार इस पेसमेकर को किसी मरीज में प्रत्यारोपित किया गया है।

कल्याणपुर निवासी 62 वर्षीय बुजुर्ग गुर्दे (किडनी) खराब होने से डायलिसिस पर हैं। उनके दिल की धड़कन बढऩे लगी थी। उन्होंने रीजेंसी हास्पिटल के इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अभिनीत गुप्ता को दिखाया। हृदय गति नियंत्रित करने के लिए पेस मेकर लगाना जरूरी था। डायलिसिस की वजह से एक तरफ की नस में फ्यूचला था, जबकि ऊपरी लिम्ब नस ब्लाक थी। जटिलताओं की वजह से तार वाला बड़ा पेसमेकर (25 ग्राम) लगना संभव नहीं था, क्योंकि लीड डालने की जगह नहीं थी।
ऐसे में डॉ. अभिनीत गुप्ता ने कैप्सूल के आकार का दो ग्राम का बिना लीड वाला पेसमेकर लगाने का निर्णय लिया। डॉ. अभिनित गुप्ता ने बताया कि सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. हर्ष अग्रवाल तथा नेफरोलाजिस्ट डॉ. निर्भय कुमार की देखरेख में बुजुर्ग मरीज को सबसे छोटा पेसमेकर 30 मिनट में प्रत्यारोपित किया। मेडट्रोनिक्स माइक्रा टीपीएस पेसमेकर अत्याधुनिक खोज है। यह सबसे सुरक्षित होता है, जबकि लीड वाले पेसमेकर में संक्रमण का खतरा रहता है।
 Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal
 
		
 
 
						
 
						
 
						
 
						
 
						
