केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने दिल्ली हिंसा पर कहा है कि अफवाहों की वजह से दिल्ली में नागरिकता कानून(सीएए) पर हिंसा भड़की. जी किशन रेड्डी ने सोशल मीडिया, मीडिया और राजनीतिक पार्टियों को भी दिल्ली हिंसा के लिए दोषी ठहराया. उन्होंने यह भी कहा कि नागरिकता कानून किसी की नागरिकता खत्म नहीं करता है, बल्कि यह नागरिकता देने का कानून है.
जी किशन रेड्डी ने कहा कि बीते सप्ताह हमने दिल्ली में तनाव देखा. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस हिंसा में निर्दोष लोग मारे गए, उनकी संपत्तियों को नुकसान पहुंचा. एक कॉन्स्टेबल की भी मौत हो गई. एक खास वर्ग की मीडिया, राजनीतिक पार्टियां और सोशल मीडिया के जरिए फैलाई गई अफवाह ने आग में घी डालने का काम किया.
जी किशन रेड्डी ने यह भी कहा कि मोदी सरकार दंगों के साजिशकर्ताओं को तालशने के लिए प्रतिबद्ध है. मैं यह दोहराना चाहता हूं कि नागरिकता संशोधन अधिनियम किसी की नागरिकता छीनने के लिए है, बल्कि धार्मिक तौर पर प्रताड़ित पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के लोगों को नागरिकता देने के लिए है.
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़की हिंसा में अब तक 41 लोगों की मौत हो चुकी है. पुलिस ने हिंसा के बाद कुल अब तक 167 एफआईआर दर्ज की है. दिल्ली हिंसा में हथियारों का भी खूब इस्तेमाल किया गया है. पुलिस ने आर्म्स एक्ट के तहत कुल 36 केस दर्ज किया है. सामने आई जानकारी के मुताबिक गिरफ्तार और हिरासत में लिए गए लोगों की संख्या लगभग 885 तक पहुंच गई है.
हिंसा प्रभावित इलाकों में सुरक्षा के मद्देनजर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया है. उत्तर-पूर्व दिल्ली के कई इलाकों में पुलिस के साथ-साथ रैपिड एक्शन फोर्स तैनात है. ड्रोन के जरिए लोगों पर नजर रखी जा रही है. दिल्ली में हिंसा भड़कने के तत्काल बाद पुलिस ने काबू पा लिया था लेकिन तब तक बेहद नुकसान हो गया था.
उत्तर पूर्वी दिल्ली की हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को दिल्ली सरकार 10 लाख रुपये का मुआवजा देगी. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को इस मुआवजे का ऐलान किया . इस 10 लाख रुपये की मुआवजा राशि में से एक लाख रुपया एक्स ग्रेशिया के तहत तुरंत मुहैया कराया जाएगा जबकि नौ लाख रुपये दस्तावेजों की पुष्टि होने के बाद मृतक के परिजनों को दिए जाएंगे. वहीं हिंसा में मारे गए बच्चों के परिजनों को दिल्ली सरकार पांच लाख का मुआवजा देगी.