पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. दिल्ली में जहां पेट्रोल 71 रुपये पर पहुंच गया है. वहीं, डीजल भी अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है. दिल्ली में मंगलवार को एक लीटर डीजल 59.14 रुपये पर मिल रहा है. इंडियन ऑयल कंपनी के पुराने डाटा को देखें, तो 1 लीटर डीजल की इस कीमत ने इसे अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंचा दिया है.
कोलकाता में भी यही हाल
इंडियन ऑयल कंपनी के वेबसाइट पर 2002 तक का पुराना डाटा है. इसको देखें तो यह पहली बार है, जब डीजल की कीमतें दिल्ली में 59.14 रुपये प्रति लीटर पर पहुंची हैं. मुंबई में डीजल 62.82 पर बिक रहा है. वहीं, कोलकाता में भी डीजल की कीमतें पिछले तीन साल के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई हैं. यहां 1 लीटर के लिए लोगों को 61.80 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं. इससे न सिर्फ डीजल कार मालिकों की जेब पर दबाव बढ़ गया है, बल्कि किसानों पर भी इन कीमतों का असर पड़ेगा.
पेट्रोल का भी यही हालदिल्ली-मुंबई में पेट्रोल की कीमतें भी बढ़ी हुई हैं. मुंबई में पेट्रोल की कीमतें अगस्त, 2014 के बाद के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंची हैं. 3 अक्टूबर को यहां एक लीटर पेट्रोल की कीमत 79.99 रुपये है. दिल्ली में 70.88 तो कोलकाता में 73.62 रुपये प्रति लीटर पेट्रोल बिक रहा है.
ये फैक्टर हैं जिम्मेदार
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें बढ़ने की वजह से डीजल की कीमतों में यह बढ़ोत्तरी हुई है. इसके अलावा अमेरिका में आए तूफान की वजह से यहां रिफायनरी बंद होने का असर भी कच्चे तेल की कीमतों पर असर पड़ा है. कच्चे तेल की कीमतों में सितंबर महीने में 12 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है. 25 सितंबर तक जहां यह 59 डॉलर प्रति बैरल पहुंचा. सोमवार को यह 56 डॉलर प्रति बैरल पर था.
डायनैमिक प्राइसिंग से तय होती हैं कीमतें
पेट्रोल और डीजल की कीमतें भारत में अब हर दिन तय होती है. इस व्यवस्था के तहत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत में कोई भी बदलाव होता है, तो उसका सीधा असर भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर पड़ता है. हालांकि ये कीमतें तब और ज्यादा बढ़ जाती हैं, जब सरकार की तरफ से इन पर टैक्स लगाए जाते हैं.