उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी पुश्ते के नाले से बरामद कंकाल दिल्ली पुलिस की महिला सिपाही मोनिका यादव का है। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा को मिली डीएनए प्रोफाइलिंग की रिपोर्ट से ये खुलासा हुआ है। दिल्ली पुलिस ने लोदी कॉलोनी स्थित केंद्रीय जांच ब्यूरो की विशेष फॉरेंसिक लैब सीएफएसएल से मोनिका यादव के कंकाल का डीएनए परीक्षण कराया था।
पुलिस ने सैंपल के लिए मोनिका यादव की मां का डीएनए भेजा था। दिल्ली पुलिस के विशेष पुलिस आयुक्त रविंद्र सिंह यादव ने सीएफएसएल से डीएनए रिपोर्ट मिलने और डीएनए के सिपाही की मां के डीएनए से मैच होने की पुष्टि की है। दिल्ली पुलिस जल्द ही इस मामले में चार्जशीट दाखिल करने जा रही है।
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मोनिका यादव की मां का डीएनए सैंपल मिलान के लिए भेजा गया था। ऐसे में विशेष तरह का डीएनए परीक्षण माइटोकॉनिड्रया कराया गया था। ये मां का डीएनए सैंपल होने के कारण किया जाता है।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि अपराध शाखा को दो दिन पहले रिपोर्ट मिल गई थी। डीएनए प्रोफाइलिंग से पता लगा कि नाले से मिला कंकाल मोनिका यादव का है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में चार्जशीट तैयार कर ली गई है। चार्जशीट को चेक करने के लिए सरकारी वकील के लिए भेजा गया है। पुलिस ने आरोपी सुरेंद्र सिंह राणा व उसके साले की आवाज के नमूने ले लिए हैं। पुलिस मोनिका के जीजा के भी आवाज के सैंपल लेगी, क्योंकि आरोपी सुरेंद्र सिंह राणा ने मोनिका के जीजा से भी बात की थी।
दिल्ली पुलिस में सिपाही रहीं मोनिका यादव की उनके सहयोगी दिल्ली पुलिस में तैनात रहे सुरेंद्र सिंह राणा ने दो साल पहले हत्या कर दी थी। राणा ने सभी को धोखे में रखा और यह बताता रहा कि मोनिका जिंदा है। अपराध शाखा ने इस मामले का खुलासा करते हुए दो अक्तूबर को आरोपी सिपाही सुरेंद्र को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने सुरेंद्र के साले रोबिन व एक दोस्त को भी गिरफ्तार किया था।
सुरेंद्र ने कथित रूप से मोनिका की गला घोंटकर हत्या की थी। फिर शव उत्तरी दिल्ली के नाले में फेंक दिया था। सुरेंद्र पीसीआर यूनिट में साथ तैनात रही मोनिका पर अपना हक जताने लग गया था। मोनिका उससे पीछा छुड़ाना चाहती थी। वह मोनिका को अपने घर ले जाने के बहाने बुराड़ी पुश्ता ले गया और वहां हत्या कर शव नाले में फेंक दिया था।
सुरेंद्र को पिता जैसा समझती थी मोनिका
मोनिका यादव ने 2014 में बतौर कांस्टेबल दिल्ली पुलिस फोर्स जॉइन की। वह 2018 में सुरेंद्र के संपर्क में आई। दोनों की पोस्टिंग पुलिस कंट्रोल रूम में थी, धीरे-धीरे दोस्ती हो गई। 2020 में मोनिका ने यूपी पुलिस सब-इंस्पेक्टर का एग्जाम निकाल लिया। फिर उसने दिल्ली पुलिस छोड़ दी।वह मुखर्जी नगर के एक पीजी में रहकर यूपीएससी की तैयारी करने लगी। सुरेंद्र उसकी मदद करता। दोनों करीब आ गए। सुरेंद्र उसके घर के कई फंक्शन में गया। सुरेंद्र मोनिका को पसंद करने लगा। वह साथ रहने का दबाव बनाने लगा। मोनिका उसे पिता जैसा समझती थी। 8 सितंबर 2021 को दोनों में झगड़ा हुआ। सुरेंद्र ने मोनिका को मारने की ठान ली। वह उसे बुराड़ी पुश्ता ले गया और गला घोंटकर मार दिया। शव नाले में फेंक दिया।
20 अक्तूबर 2021 को मुखर्जी नगर थाने में मोनिका के लापता होने की शिकायत दर्ज की गई। कोई सुराग नहीं मिला क्योंकि सुरेंद्र लगातार पुलिस को गुमराह करता रहा। मोनिका की बहन पुलिस कमिश्नर से मिलीं। आखिरकार 12 अप्रैल 2023 को प्राथमिकी दर्ज हुई। जुलाई में मामला क्राइम ब्रांच के पास पहुंचा।
सुरेंद्र ने अपने साले रोबिन को प्लान का हिस्सा बनाया। रोबिन ने सभी को बताया कि मोनिका उसके साथ भाग गई है और वह दोनों सुरक्षित हैं। सुरेंद्र लगातार परिवार के संपर्क में रहा और झूठी कहानी बताता रहा। संदिग्ध ने परिवार को गुमराह करने के लिए मोनिका की पुरानी रिकॉर्डिंग सुनाईं। मोनिका के दस्तावेज प्रयोग करते हुए सुरेंद्र कई महिलाओं को अलग-अलग होटल में ले गया, जिससे लगे कि वह वहां गई थी।
वह मोनिका का बैंक अकाउंट चलाता रहा। हेलमेट लगाकर एटीएम से पैसे निकालने जाता। सुरेंद्र ने मोनिका का फर्जी कोविड वैक्सीन सर्टिफिकेट भी बनवा रखा था। क्राइम ब्रांच ने रिवर्स में जांच शुरू की। मोनिका के परिवार को जिन नंबर्स से कॉल आते थे, उनकी डिटेल्स निकाली गईं। पुलिस ने राजपाल नाम के व्यक्ति को पकड़ा, जिसने रोबिन को एक फर्जी सिम बेचा था। फिर पुलिस रोबिन तक पहुंची। उसने सुरेंद्र का नाम लिया। सुरेंद्र से पूछताछ हुई तो उसने सब उगल दिया।