दिल्ली के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हैं। इसके आलोचकों की भी कमी नहीं है। कई लोग दिल्ली को करप्शन, पॉपुलेशन, पॉल्युशन जैसी तमाम चीज़ों पर कोसते हैं, मगर दिल्ली की कुछ अच्छी बातें भी हैं। रेप-कैपिटल नाम से फेमस अपनी नेशनल कैपिटल हमें उस पर गर्व करने का भी मौका देती है। वो कहते हैं न कि सबकी अच्छाई देखो, बुराई तो दुनिया देखती है। तो बस, चलिए देखते हैं किन वजहों से दिल्ली बनती है दिलवालों की नगरी:
दिल्ली मेट्रो में रोज़ 23 लाख लोग सफर करते हैं। इसलिए तो मेट्रो दिल्ली की लाइफलाइन है।
दिल्ली में सीएनजी से 1 करोड़ से भी ज्यादा वाहन चलते हैं
द्वारका एशिया का सबसे बड़ा उपनगर है। यानी वो अपने आप में एक छोटे शहर के बराबर है।
खाने के शौकीनों के लिए दिल्ली जन्नत है। देसी हो या विदेशी, दिल्ली में हर तरह का खाना मिल जाएगा। परांठ से लेकर पिज्ज़ा तक, यहां सब मिलता है।
दिल्ली कल्चर हैरिटेज का घर है। दिल्ली में कुल 174 नेशनल हैरिटेज साइट्स हैं।
दिल्ली रिज अरावली की पहाड़ियों का ही एक हिस्सा है, जहां आपको कई सारे पक्षी दिख जाएंगे। वैसे पक्षियों के मामले में दिल्ली दुनिया की दूसरी परिपूर्ण राजधानी है।
छोटे-बड़े पार्क मिलाए, तो दिल्ली में कुल 20 हज़ार पार्क हैं। 40 सिटी फॉरेस्ट, 5 रिज और वाइल्डलाइफ के कारण दिल्ली हरी-भरी राजधानी है
पूर्वी दिल्ली में बनी गांधी नगर मार्केट एशिया की सबसे बड़ी रेडीमेड गार्मेंट का बाज़ार है। पालिका बाज़ार, जनपथ और लाजपत नगर के अलावा गांधी नगर का अपना अलग ही रुतबा है।
एशिया की सबसे बड़ी सब्ज़ी मंडी आज़ादपुर, दिल्ली में ही है। भीड़भाड़ से बचने की प्रैक्टिस करनी है, तो यहां जा सकते हैं।
सुनने में अजीब लगे, मगर दिल्ली में इंटरनेशनल टॉयलेट म्युज़ियम है। ‘सुलभ’ के इस म्युजियम में टॉयलेट्स का 5 हज़ार साल पुराना इतिहास है।
इस जगह का नाम नहीं सुना तो कोई बात नहीं। वैसे ये मसालों के लिए सबसे मशहूर जगह है।