दरभंगा जंक्शन पर 17 जून 2020 को हुए विस्फोट में उच्च तीव्रता का केमिकल बम का इस्तेमाल किया गया था। पुलिस सूत्रों का कहना है कि कपड़े की गांठ में होने और यह पार्सल स्टेशन पर उतर जाने के चलते ब्लास्ट से कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ।

सूत्रों के अनुसार फॉरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) रिपोर्ट से इसका खुलासा हुआ है। यह विस्फोट कपड़े की एक गांठ में रखी एक शीशी से हुआ था। कपड़े की इस गांठ का पार्सल तेलंगाना के सिकंदराबाद स्टेशन से बुक किया गया था। दरभंगा में मो.सुफियान नामक शख्स इसे रिसीव करने वाला था। मिली जानकारी के अनुसान एफएसएल द्वारा बिहार एटीएस को सौंपी गई जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि दरभंगा बम विस्फोट में केमिकल विस्फोटक का इस्तेमाल हुआ था।
पटना पहुंची यूपी एटीएस
इस बीच मामले की जांच में सहयोग के लिए यूपी एटीएस की टीम भी पटना पहुंच चुकी है। बताया जा रहा है कि आज इस टीम की बिहार एटीएस के साथ मीटिंग होगी। इस मीटिंग में बिहार एटीएस ने यूपी एटीएस से अब तक की और उसमें मिले सबूतों की जानकारी साझा की जाएगी। इस आधार पर जांच की आगे की रणनीति बनाई जाएगी। सूत्रों का कहना है कि बिहार एटीएस और यूपी एटीएस के अधिकारी इस केस को एनआईए को सौंपने पर भी चर्चा करेंगे।
इसके साथ ही बिहार एटीएस के अधिकारी तेलंगाना एटीएस के प्रमुख से भी बात करेंगे। सूत्रों के अनुसार सिकंदराबाद में मौजूद यूपी एटीएस और तेलंगाना एटीएस को इस मामले में कई अहम जानकारियां मिली हैं। इस बीच यह जानकारी भी सामने आई है कि यह पार्सल जिस मो. सुफियान के नाम से सिकंदराबाद से दरभंगा के लिए बुक किया था, उसका कहीं कुछ अता-पता नहीं है।
गृह मंत्रालय से साझा की जानकारी
दरभंगा ब्लास्ट मामले की जांच की हर जानकारी अधिकारियों ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से साझा की है। कहा जा रहा है कि जल्द ही धमाकों की जांच एनआईए को सौंपी जा सकती है।
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