जबलपुर के समदड़िया मॉल से लापता हुई कटनी के माइनिंग व्यवसायी की पत्नी अपने 11 साल छोटे दोस्त और बच्चों के साथ गुजरात भावनगर के एक होटल में मिली।
दस्तयाब कार्रवाई के बाद क्राइम ब्रांच की टीम महिला, बच्चों और उसके दोस्त को लेकर जबलपुर रवाना हो गई है। पुलिस की प्रारंभिक पूछताछ में संगीता ने पुलिस को बताया कि वह अपने पति रंजन की हरकतों से परेशान थी। उसने अपने ससुर को लेटर लिखा है कि उसका पति काफी रंगीन मिजाज है। उसके अनेक कॉलगर्ल्स से रिश्ते है और वह उसे लंबे वक्त से धोखा दे रहा था।
वह दो बच्चों के साथ मर नहीं सकती थी, इसलिए उसे अपने दोस्त के साथ भागना पड़ा। पुलिस अधीक्षक एमएस सिकरवार ने बताया कि 22 दिसंबर को कटनी के माइनिंग व्यवसायी रंजन ग्रोवर की पत्नी संगीता गायब थी।
सगींता अपने बच्चों रुद्राक्ष और शिवाक्ष के साथ लापता होने के बाद अपने से 11 साल छोटे दोस्त (प्रेमी) आशीष कोटवानी 23 वर्ष के साथ गुजरात के भावनगर चली गई थी और एक होटल में ठहर गई थी।
जसबीर बनकर होटल में ठहरी
– एसपी ने बताया कि होटल के रजिस्टर में संगीता ने अपना नाम जसबीर कोटवानी लिखवाया।
– यह सब पहचान छिपाने के लिए किया गया। क्राइम ब्रांच की टीम ने फोटो के जरिए संगीता की पहचान की।
जबलपुर आने से किया इनकार
– भावनगर के होटल में क्राइम ब्रांच की टीम के सामने संगीता ने जबलपुर आने से इनकार कर दिया।
– क्राइम ब्रांच की टीम की समझाइश के बाद संगीता बच्चों के साथ जबलपुर आने के लिए राजी हुई।
मोबाइल लोकेशन से किया गुमराह
– पुलिस संगीता और उसके बच्चों की तलाश मोबाइल लोकेशन के आधार पर कर रही थी। इसी बीच सोशल मीडिया के जरिए पता चला कि संगीता की आशीष कोटवानी के साथ दोस्ती थी। दोनों के मोबाइल की लोकेशन गलगला और ओमती ही मिल रही थी। 23 दिसंबर तक मोबाइल की लोकेशन ओमती और रेलवे स्टेशन मिली, इसके बाद स्विच ऑफ हो गए।
पुलिस ने बताया कि संगीता और आशीष ने पुलिस को गुमराह करने के लिए अपने मोबाइल जबलपुर में ही रखे, ताकि पुलिस उन्हें जबलपुर में ही तलाश करती रहे।
ऐसे हुआ खुलासा
इस मामले में पुलिस को उस समय सफलता मिली, जब डुमना एयरपोर्ट के सीसीटीवी फुटेज में संगीता अपने दोस्त और बच्चों के साथ दिल्ली की फ्लाइट पर सवार होती दिखी। इसके बाद दिल्ली एयरपोर्ट की सीसीटीवी फुटेज में संगीता भावनगर जाती दिखी।
आशीष को संगीता करती थी फाइंनेंशियली मदद
– आशीष ट्रैवल एजेंसी चलाता है। उसके पिता का बरही रोड पर बेकरी का छोटा सा व्यवसाय है। आशीष हाल ही में माधव नगर में निरंकारी भवन के पास 50 लाख रुपए का मकान बनवाया है। बताया जा रहा है कि यह मकान संगीता से मिली आर्थिक मदद से बना है।
जबलपुर से दिल्ली फिर भावनगर पहुंची संगीता
– 22 दिसंबर को संगीता समदड़िया मॉल से निकलने के बाद अपने दोस्त के साथ डुमना एयरपोर्ट पहुंची।
– डुमना से वे लोग शाम 4.55 की फ्लाइट से दिल्ली पहुंचे। उसी दिन दिल्ली से रात में वे लोग भावनगर पहुंचे।
ट्रैवल एजेण्ट है आशीष
– महिला का दोस्त आशीष कोटवानी कटनी में यूनीक ट्रैवल के नाम से ट्रैवल एजेंसी का संचालन करता है।
– आशीष का ग्रोवर परिवार में लंबे समय से आना-जाना था। इसी दौरान आशीष की संगीता के साथ जान-पहचान हुई।
– इसके बाद दोनों फेसबुक फ्रैंड बन गए। दोनों की दोस्ती परवान चढ़ने लगी।