मौलाना सलमान नदवी ने बीते हफ्ते अध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर से मुलाकात की थी. इस मुलाकात के बाद नदवी ने बाबरी मस्जिद को किसी दूसरी जगह पर शिफ्ट करने की वकालत की थी. नदवी ने कहा था कि विवादित जगह को राम मंदिर के लिए छोड़ देना चाहिए. इसी रुख के बाद से वह लगातार अपने ही समुदाय के नेताओं के निशाने पर आ गए थे.

राम मंदिर पर उनके पक्ष की वजह से ही ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया था. यही नहीं, सलमान नदवी पर हैदराबाद से एमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी के इशारे पर चलने का आरोप भी लगाया था. ओवैसी ने अपील की थी कि सलमान नदवी का सामाजिक बहिष्कार किया जाए.

ओवैसी ने कहा था अगर एक बार मुस्लिम समुदाय ने आगे बढ़कर बाबरी मस्जिद की जमीन पर अपना दावा छोड़ दिया तो फिर उनकी अन्य मस्जिदों पर दावा किया जाने लगेगा. ओवैसी ने राम मंदिर का पक्ष लेने वाले मौलाना सलमान नदवी को निशाने पर लेते हुए कहा था कि तुम हो कौन, मोदी की धुन पर तुम नाचते हो. आपने अप्रैल 2001 में फतवे पर हस्ताक्षर किए थे. इसी फतवे में कहा गया है कि शरीयत के अनुसार बाबरी मस्जिद पर कोई बातचीत संभव नहीं है. अब आप खुद पलट रहे हो.