चीन की सरकारी मीडिया ने बीते शुक्रवार को कहा कि सीमा विवाद का कोई समाधान तब तक संभव नहीं है, जबतक भारत अपने सैनिकों को वापस नहीं बुलाता और बीजिंग की इस मांग को अनसुना करने से हालात और बदतर होंगे. भारत के विदेश मंत्रालय ने बीते गुरुवार को कहा कि दोनों देशों के बीच सिक्किम सेक्टर में सीमा पर बरकरार गतिरोध के समाधान के लिए कूटनीतिक सोर्स उपलब्ध हैं.

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के एक लेख में भारत के प्रस्ताव को खारिज करते हुए कहा गया है कि जबतक भारतीय सैनिक डोकलाम को खाली नहीं करते, बातचीत की कोई गुंजाइश नहीं है. डोकलाम चीन और भूटान के बीच एक विवादित क्षेत्र है. लेख के मुताबिक, “चीन ने साफ कर दिया है कि इस घटना पर बातचीत की कोई गुंजाइश नहीं है और भारत को डोकलाम से अपने सैनिकों को वापस बुलाना चाहिए.”
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सिन्हुआ के मुताबिक, चीन की मांगों को भारत अगर अनसुना करता है तो एक महीने लंबा ये गतिरोध और बदतर होगा. चीने के अनुसार इससे भारत खुद को मुश्किल में डाल रहा है. आगे लिखा है, “कूटनीतिक प्रयासों से सैनिकों के बीच टकराव का अच्छे से अंत हुआ है. लेकिन इस बार मामला बिल्कुल अलग है.” लेख के मुताबिक, “हाल के सालों में कुछ भारतीय गैर समूह राष्ट्रवाद की भावना से प्रेरित होकर चीन विरोधी भावनाओं को हवा दे रहे हैं.”
सिन्हुआ ने लिखा है, “चीन में एक कहावत है, शांति अनमोल है. हाल में भारत के विदेश सचिव एस.जयशंकर ने सिंगापुर में एक सकारात्मक टिप्पणी में कहा है कि भारत और चीन को अपने मतभेदों को विवाद नहीं बनने देना चाहिए.”
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