लखनऊ.राजधानी के सभी मेडिकल कॉलेज में सिरसा डेरा सच्चा से जुड़े शहर से डेडबॉडी को रिसर्च के लिया लाया गया है। इस बात की जानकारी मेडिकल कॉलेज से जुड़े एक सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर दी है। बताया जाता है कि एक डेडबॉडी लाने के लिए 20 हजार रुपए की लागत लगती थी।
आगे पढ़िए पूरा मामला…
-7 सितम्बर को जब मीडिया के माध्यम से GCRG मेडिकल कॉलेज में बॉडी डेरा सच्चा सिरसा से भेजे जाने की सूचना के बाद कॉलेज से राजधानी पुलिस ने गहन पूछताछ की थी।
-शुक्रवार-शनिवार रात एसपी (ग्रामीण) डॉ. सतीश कुमार पुलिस के साथ बख्शी का तालाब स्थित GCRC मेडिकल कॉलेज (प्राइवेट कॉलेज) में इंस्पेक्शन के लिए पहुंचे थे । देर रात कॉलेज का ताला खुलवाया। कॉलेज के अधिकारियों से पूछताछ की। मौके से कुछ दस्तावेज जब्त किए। उसके बाद टीम यहां से चली गई।
GCRG कॉलेज ने दिया ये बयान
-GCRG मेडिकल कॉलेज के एडमिनिस्ट्रेस्टिव ऑफिसर आशिफ अतुल्लाह खान ने बताया कि मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए MCI ने कड़े नियम बनाए हैं।
-इस नियम के मुताबिक यदि कोई कालेज अपने यहां मेडिकल की पढ़ाई करना चाहता है। उसे अपने यहां एनॉटमी डिपार्टमेंट में रिसर्च के लिए दस स्टूडेंट पर एक डेडबॉडी का अरेंजमेंट्स करना होता है।
-हमारे कॉलेज की तरफ से मेडिकल की पढ़ाई के लिए सभी समाज सेवी संस्थाओं, मेडिकल कालेज, पुलिस डिपार्टमेंट और ट्रस्ट को लेटर लिखकर डेडबॉडी मुहैया कराने की अपील की गई थी ।
-डेरा सच्चा सौदा भी इसमें से एक था। जिसके बाद जनवरी 2017 से लेकर अगस्त 2017 के बीच अलग-अलग संस्थाओं और ट्रस्ट की तरफ से 14 डेडबॉडी हमारे कॉलेज को एंबुलेंस से फ्री में उपलब्ध कराई गईं।
-इनमें से तीन डेडबॉडी सिरसा के डेरा सच्चा सौदा आश्रम से आई थी। कॉलेज प्रशासन ने बाद में इन डेडबॉडी को अपने यहां एनॉटमी डिपार्टमेंट में मेडिकल की पढ़ाई के लिए सौंप दिया।
पुलिस की जांच में ये फैक्ट आए सामने
– डॉ. सतीश कुमार (एसपी ग्रामीण) ने बताया ,”शुक्रवार शाम को GCRG मेडिकल कालेज में 14 डेडबॉडी के मामले की जांच की गई।
-“GCRG मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल डॉ. ओमकार यादव ने पूछताछ में बताया,”हमने देश के सभी मेडिकल कॉलेज संस्थान, समाज सेवी संगठन, ट्रस्ट, पुलिस प्रशासन को लेटर लिखकर उनसे रिसर्च के लिए डेडबॉडी की मांग की थी।”
– “इस कॉलेज में सिरसा के डेरा सच्चा सौदा से 3 डेडबॉडी आई थी । इस सम्बन्ध में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा जारी डेडबॉडी रखने के नियमों और परिजनों की तरफ से जारी एफिडेविट भी दिखाया है। इसके साथ ही कॉलेज ने परिजनों को जारी बॉडी डोनेशन सर्टिफिकेट भी दिखाया । अभी इस मामले की जांच चल रही है। जांच कम्प्लीट होने के बाद ही इस बारे में पूरी जानकारी दी जा पाएगी।”
रिसर्च के लिए मेडिकल कालेज ऐसे ले सकते है डेडबॉडी
-केजीएमयू के एनॉटमी डिपार्टमेंट के रिसर्च यूनिट के डॉ. सुरेश कुमार ने कहा, “डेडबॉडी लेने के लिए किसी भी मेडिकल कॉलेज के पास परिजनों का सर्टिफिकेट होना चाहिए । इसके लिए कॉलेज को पहले से एक घोषणा पत्र जारी करके मेडिकल कॉउंसिल नियमो के तहत सभी को बताना होगा।”
-“इसके बाद परिजन शव को डोनेट करेंगे,वो माइनर न हो। दूसरी शर्त है कि डेड बॉडी 72 घण्टे से ज्यादा पुरानी न हो । इसके साथ ही मेडिकल कॉलेज डेड बॉडी लेगा, वो डोनेट सर्टिफिकेट भी परिजनों को देगा।
डेडबॉडी पर दावा नहीं कर सकते थे डेरा अनुयायियों के परिजन, जुड़ने से पहले ये थी शर्त
-डेरे से जुड़े लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि डेरा सच्चा सौदा का अनुयायी बनने के लिए एक फॉर्म पर सिग्नेचर कराया था,जिसमें ये शर्त होती थी।
1) पहली शर्त- यदि डेरा में रहते किसी अनुयायी की डेथ होती है, उसके परिजन उसकी डेडबॉडी पर दावा नहीं कर सकते ।
2) दूसरी शर्त-अगर डेरा में रहते किसी अनुयायी की मौत होती है, डेडबॉडी का मालिक डेरा सच्चा सौदा होगा। वो चाहे तो अपने अनुसार को डेडबॉडी को डोनेट कर सकता है।
3) तीसरी शर्त- डेरा सच्चा सौदा के किसी अनुयायी की तबीयत खराब होती है, तो इलाज कराने की अनुमति बाहर नहीं थी। उसको डेरे के अंदर इलाज कराना होगा।
4)चौथी शर्त – उनकी डेडबॉडी को जलाया नहीं जा सकता है, और ना ही बहाया जा सकता है। उसको जमीन में दफ्न कर पेड़ लगाया जा सकता है।
5)पांचवीं शर्त-डेडबॉडी क्षत-विक्षत स्थिति में ना हो,इसके लिए डेडबॉडी का पोस्टमार्टम नहीं कराया जाएगा।
ये हैं वो बॉडी की डिटेल जिनको डोनेट किया गया
बॉडी- रिलेटिव- पता
-माया देवी- संदीप कुमार- मुक्तसर (पंजाब )
-सुदेश रानी- रामपाल- समराला (पंजाब)
-उषा रानी- सोहन लाल- मलौद (पंजाब )
-गुरजंत सिंह- हरसजजन- करतारपुर (पंजाब )
-संत सिंह- सुखमंदर- सिरसा (हरियाणा )
-सोना देवी- शीशपाल- उचाना, जींद (हरियाणा)
-पुरान राम- ज्ञान देवी- सिरसा (हरियाणा)
-सिलमा सेवी- सुमिर पुपली- भटिंडा (पंजाब )
-कॉर्नेल कौर- सुरजीत सिंह- भदलवड़ (पंजाब )
-शीला- चंदरभान- फतेहाबाद (हरियाणा )
-सुमेर सिंह- लखविंदर सिंह- जींद हरियाणा
-हरगोबिंद- बहादुर- कैथल (हरियाणा)
-शांता देवी- बहादुर- कैथल (हरियाणा)
-रामदेवी- मुकेश कुमार- कैथल (हरियाणा)