लखनऊ। पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह को पदभार संभालते ही कासगंज हिंसा जैसी चुनौती मिली है तो उन्होंने सोमवार को जारी अपने पहले सर्कुलर में सांप्रदायिक विद्वेष पर ही विशेष फोकस किया है। उन्होंने कहा है कि वक्त से पहले सामाजिक तनाव या सांप्रदायिक विद्वेष के मामले चिह्नित किए जाएं। डीजीपी ओपी सिंह ने कासगंज में हुई हिंसा के दृष्टिगत सभी एसएसपी/एसपी को सुरक्षा के कड़े निर्देश दिए हैं।
अपने पहले सर्कुलर में उन्होंने अफसरों को विपरीत परिस्थितियों में लोगों से बेहतर संवाद बनाए रखने की नसीहत भी दी है। कहा है कि आपसी संवाद बड़े संघर्ष को टाल सकता है। जहां भी तनाव की स्थिति हो वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचकर विवादों का निस्तारण कराएं। डीजीपी ने खासकर ऐसे मौकों पर सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं, ताकि माहौल बिगाडऩे वाले संदेशों को वायरल होने से रोका जा सके। मीडियाकर्मियों से भी बेहतर संवाद व सही तथ्यों से तत्काल अवगत कराने के निर्देश भी दिए।
डीजीपी ने कहा है कि साम्प्रदायिक तनाव जिस पक्ष की गलती के कारण उत्पन्न हुआ हो, उस पक्ष को चिह्नित कर कार्रवाई की जाए। अराजक तत्वों के मंसूबों को नाकाम करने के लिए स्थानीय खुफिया इकाइयों को और सक्रिय किया जाए। ऐसे तत्वों को भी चिह्नित किया जाए, जिनके भ्रमण से साम्प्रदायिक सद्भाव व समरसता पर विपरीत प्रभाव पड़ता हो। उनके खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई भी की जाए।
संवेदनशील स्थानों पर लगवाएं सीसीटीवी कैमरे
डीजीपी ने संवेदनशील स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगवाने व उनकी निगरानी की बात कही है। पूर्व में जिन स्थानों पर सांप्रदायिक घटनाएं हुई हैं, वहां पूरी तरह से निरोधात्मक कार्रवाई की जाए। साथ ही शांति समिति की बैठकें आयोजित की जाएं।
जुलूस के मार्गों पर की जाए कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था
डीजीपी ने कासगंज घटना के बाद सभी कप्तानों को महत्वपूर्ण अवसरों, धार्मिक पर्व, रैली, शोभा यात्रा व अन्य कार्यक्रमों का वार्षिक कैलेंडर रखने व ऐसे अवसरों पर स्थलीय निरीक्षण कर सुरक्षा-व्यवस्था सुनिश्चित कराने का भी निर्देश दिया है। जुलूस के मार्गों को पहले से ही चिह्नित कर प्रभावी पुलिस-प्रबंध किए जाएं।
बेवक्त न हो लाउडस्पीकर का इस्तेमाल
यह भी सुनिश्चित किया जाए कि लाउडस्पीकर ध्वनि मानक के अनुरूप व निर्धारित समय सीमा में ही प्रयोग किए जाएं।
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