इलाहाबाद। महामहिम रामनाथ कोविंद अपने दो दिवसीय इलाहाबाद की यात्राा से काफी प्रभावित हुए। शायद यही कारण रहा कि वह यहां की हर एक गतिविधियों को ट्विटर के जरिए अपने फॉलोवरों तक पहुंचाते रहे। उन्होंने अपने ट्विटर संदेश में जहां एक तरफ संगम का बखान किया तो वहीं दूसरी तरफ इलाहाबाद हाईकोर्ट के ‘न्याय ग्राम परियोजना’ को भी अच्छी पहल बताया।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद दो दिवसीय यात्रा पर शुक्रवार दोपहर संगम नगरी आए। वह शनिवार दोपहर तक यहां रहे। इस दौरान विविध आयोजनों में शामिल हुए। यात्रा को लेकर ट्विटर पर उनकी सक्रियता को देख लगता है कि वह इलाहाबाद के दौरे से काफी प्रभावित हुए। संगम के बारे में उन्होंने ट्वीट किया कि ‘गंगा, यमुना, सरस्वती व एकता और भारतीय परंपरा का प्रतीक गंगा का संगम है।’
Visited the Sangam at Allahabad – the confluence of holy rivers Ganga, Yamuna, Saraswati and a symbol of unity and Indian tradition #PresidentKovind pic.twitter.com/5G0WkV1QLK
— President of India (@rashtrapatibhvn) December 16, 2017
इलाहाबाद हाईकोर्ट के कार्यक्रम में भी वह शिरकत किए तो उसका जिक्र भी ट्विटर पर करना नहीं भूले। लिखा कि ‘पूरे देश के न्यायालयों में लगभग तीन करोड़ मामले पेंडिंग हैं। मुझे यह जानकर खुशी हुई है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अपनी निचली अदालतों में लंबित लगभग 60 लाख विवादों को अगले कुछ वर्षों में शून्य के स्तर पर लाने का लक्ष्य रखा है।’
न्याय देरी से मिलने के विषय में उन्होंने ट्वीट किया, ‘न्याय मिलने में देर होना भी एक तरह का अन्याय है। गरीबों के लिए न्याय प्रक्रिया में होने वाले विलंब का बोझ असहनीय होता है। इस अन्याय को दूर करने के लिए हमें स्थगन से परहेज करना चाहिए। यह तभी हो जब और कोई चारा न हो।’ न्याय ग्राम परियोजना की सराहना करते हुए लिखा, ‘जुडिशियल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाना बहुत जरूरी है। मैं आशा करता हूं कि यह न्याय ग्राम परियोजना इलाहाबाद उच्च न्यायालय की आवश्यकताओं को पूरा करने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।