झांसी: झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की लापरवाही का चौंकाने वाला मामला सामने आया है. डॉक्टरों ने बस दुर्घटना में घायल हुए एक मरीज के कटे हुए पैर को उसी के सिर के नीचे तकिया बनाकर लगा दिया. इस पर बवाल तब शुरू हुआ, जब इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं. मामले में यूपी सरकार के आदेश पर दो सीनियर डॉक्टरों व दो नर्सों को निलंबित कर दिया गया है. घटना की जांच की जा रही है.
झांसी से करीब 65 किलोमीटर दूर मऊरानीपुर कस्बे के मुख्य मार्ग पर एक स्कूल बस पलट गयी थी. हादसा सामने आ रहे टैक्टर से भिडंत बचाने के चक्कर में हुआ था. हादसे में स्कूली बच्चों को मामूली चोटें आयीं, जबकि क्लीनर घनश्याम गंभीर रूप से घायल हो गया. उसका पैर कट कर अलग हो गया. उसे झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज ले जाया गया. घनश्याम का कटा हुआ पैर भी साथ लाया गया. यहां इमरजेंसी वॉर्ड में इलाज के दौरान डॉक्टर्स ने उसी कटे हुये पैर को घनश्याम के सिर के नीचे रख दिया. इमरजेंसी वॉर्ड में मौजूद किसी ने इसकी तस्वीरें ले लीं, जो वायरल हो गईं.
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने कहा, लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी
उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने इस मामले में कहा कि इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी. घटना सामने आने के बाद इमरजेंसी मेडिकल ऑफीसर डॉ. महेंद्र पाल सिंह, सीनियर रेजिडेंट ऑर्थोपेडिक आलोक अग्रवाल, सिस्टर इंचार्ज दीपा सिंह नारंग व शशि श्रीवास्तव को निलंबित किया गया है. मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. साधना कौशिक ने बताया कि घटना की जांच के लिये पांच सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया गया है. रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी. घनश्याम की पत्नी हेमवती का कहना है कि उसके पति घर में अकेले ही कमाने वाले थे. वह भी विकलांग हो गये. ऐसे में काम कैसे कर पायेंगे.
डॉक्टरों की लापरवाही का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी मेडिकल कॉलेज के ऑपरेशन थियेटर में एक मरीज को बिना बेहोश किये ही पैर का ऑपरेशन किये जाने का वीडियो सामने आया था. वीडियो में मरीज चीख रहा था और इससे बेखबर डॉक्टर्स बातें करते हुये उसके पैर का ऑपरेशन कर रहे थे. तब भी इस मामले ने तूल पकडा था.
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