मेनोपॉज पार कर चुकी महिलाओं में यदि स्तन कैंसर होता है तो ऐसी महिलाओं में हृदय रोग होने का खतरा भी कई गुना बढ़ जाता है। एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने यह दावा किया है। वर्जीनिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जोआन पिंकर्टन ने कहा कि कीमोथेरपी, रेडिएशन थेरपी और एरोमाटेज इनहेबिटर्स के उपयोग (जो एस्ट्रोजेन को कम करते हैं) की वजह से स्तन कैंसर का इलाज करवा रही महिलाओं में दिल की बीमारी अधिक देखी जाती है। विकिरण के संपर्क में आने के 5 साल बाद इस रोग के होने के संभावना रहती है और इसका जोखिम 30 साल तक बना रहता है।

पिंकर्टन ने कहा कि अगर आप अपने दिल को स्वस्थ रखना चाहती हैं तो स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं क्योंकि यही तरीका है जिससे स्तन कैंसर को दोबारा होने से रोका जा सकता है। साथ ही दिल से जुड़ी बीमारी होने के जोखिम को भी कम किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इस अध्ययन के लिए चुनी गई सभी महिलाएं मेनोपॉज पा की अवस्था को कर चुकीं थीं। इनमें से 90 स्तन कैंसर से बचीं महिलाओं की तुलना 192 सामान्य महिलाओं से की गई, जिसमें शोधकर्ताओं ने पाया कि जो महिलाएं स्तन कैंसर को मात दे चुकीं थीं उनमें मेटाबॉलिक सिंड्रोम, डायबीटीज, एथेरोस्लेरोसिस और मोटापे के कई लक्षण दिखे जो दिल से जुड़ी बीमारी होने के सबसे अहम कारक माने जाते हैं। अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि दिल की बीमारी की वजह से मौत के मामलों में भी बढ़ोतरी देखने को मिली।
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