महामृत्युंजय मंत्र को भगवान शिव को प्रसन्न करने वाला मंत्र माना जाता है। महाशिवरात्रि या सावन माह में इस मंत्र का जाप करने से रोग और अकाल मृत्यु का भय खत्म हो जाता है। जानिए महामृत्युंजय मंत्र जाप विधि और लाभ।
18 फरवरी को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन भगवान शिव का अभिषेक करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही शंकर जी के मंत्रों का जाप करने से जीवन में आने वाले हर संकट दूर हो जाते हैं। वेद-शास्त्रों में भगवान शिव के कई स्वरूपों का वर्णन किया गया है। इन्हीं रूपों में से एक है महामृत्युंजय स्वरूप। माना जाता है कि इस स्वरूप में भगवान शिव अपने हाथों में अमृत लेकर अपने भक्तों की रक्षा करते हैं। ऐसे में नियमित रूप से महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को लंबी आयु प्राप्त होती है। जानिए महामृत्युंजय मंत्र करने की तरीका के साथ लाभ।
महामृत्युंजय मंत्र
ॐ हौं जूं स: ॐ भूर्भुव: स्व: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्व: भुव: भू: ॐ स: जूं हौं ॐ !!
महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने की विधि
महामृत्युंजय मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से करना चाहिए। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव का जल के साथ बेलपत्र अर्पित करें। इसके बाद घी का दीपक या धूप जलाकर जाप माला से 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप कर लें।
महामृत्युंजय मंत्र के जाप के लाभ
- महामृत्युंजय मंत्र करने से व्यक्ति को हर कष्टों से निजात मिल जाती है।
- रोगों से छुटकारा मिल जाता है।
- भगवान शिव की कृपा से घर-परिवार में खुशियां ही खुशियां आती है।
- इस मंत्र का जाप करने से जीवन या अतीत में किए गए पापों से मुक्ति मिल जाती है।
- पुत्र की प्राप्ति, उन्नति के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना शुभ होगा।
- इस मंत्र का जाप करने से अकाल मृत्यु का भय खत्म हो जाता है।
- शिव पुराण के अनुसार, इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को हर तरह की परेशानी से छुटकारा मिल जाता है।
- महामृत्युंजय मंत्र का जप करने से मांगलिक दोष, नाड़ी दोष, कालसर्प दोष, भूत-प्रेत दोष आदि से छुटकारा मिल जाता है।
- जिस व्यक्ति को धन संपत्ति की इच्छा है, उसे महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना लाभकारी सिद्ध होगा।
- इस मंत्र का नियमित रूप से जाप करने से समाज में मान-सम्मान बढ़ने के साथ नौकरी-बिजनेस में सफलता हासिल होती है।