ट्रंप के वकीलों ने ‘सुप्रीमेसी क्लॉज’ का हवाला देते हुए कहा था कि मौजूदा राष्ट्रपति के खिलाफ मुदकमा नहीं चलाया जा सकता। लेकिन, जस्टिस सलिअन स्क्रैपुला ने कहा कि बचाव पक्ष ऐसा कोई उदाहरण नहीं दे पाया जिसमें किसी अदालत ने ऐसे मामलों में मौजूद राष्ट्रपति के खिलाफ केस रद्द किया हो। अमेरिका के न्यूयॉर्क राज्य के जज ने कहा है कि मौजूदा राजष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर भी मुकदमा चलाया जा सकता है। इसके साथ ही न्यूयॉर्क की कोर्ट ने ट्रंप और उनके परिवार और फाउंडेशन के खिलाफ केस रद्द करने की मांग अदालत ने शुक्रवार को खारिज कर दिया।

राष्ट्रपति ट्रंप और उनके दोनों बेटों और बेटी पर आरोप है कि साल 2016 में राष्ट्रपति पद के चुनाव प्रचार के दौरान इन्होंने ट्रंप फाउंडेशन का दुरुपयोग करते हुए काफी रकम खर्च की थी। साथ ही कारोबारी और राजनीतिक फायदे के लिए भी इसका इस्तेमाल किया। फांउडेशन ने 10 साल से ज्यादा समय तक कानून का उल्लंघन किया। न्यूयॉर्क के अटॉर्नी जनरल बारबरा अंडरवुड ने इस साल जून में मैनहट्टन स्टेट सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा दायर किया था।
अटॉर्नी जनरल ने ट्रंप फाउंडेशन को भंग कर हर्जाना समेत 28 लाख डॉलर की रकम वसूलने की मांग की है। साथ ही वो चाहते हैं कि ट्रंप पर न्यूयॉर्क के किसी एनजीओ का निदेशक बनने पर 10 साल की रोक लगे। उनके बेटों और बेटी पर एक साल का बैन लगाया जाए।
जज ने ट्रंप की यह दलील भी गलत ठहराई कि इस मामले में स्टेट कोर्ट के पास कम अधिकार हैं। उन्होंने कहा कि संविधान के मुताबिक, अदालती प्रक्रिया की वजह से शासन से जुड़े अधिकारियों के कामकाज में खलल नहीं पड़ना चाहिए। लेकिन, ट्रंप के मामले में ऐसी कोई संभावना नहीं है।
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अदालत के इस फैसले से ट्रम्प के खिलाफ दूसरे मामलों में भी कानूनी कार्रवाई के आसार बढ़ गए हैं। अमेरिकी रियल्टी शो ‘द अप्रेंटिस’ की प्रतिभागी समर जेरवोस ने डोनाल्ड ट्रंप पर साल 2007 में यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। वह ट्रंप के खिलाफ केस करने की योजना बना रही हैं। वहीं ट्रंप ने आरोपों को गलत बताया था। ट्रंप द अप्रेंटिस के होस्ट रह चुके हैं।
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