किसी वस्तु के खोने का ज्योतिष से भी संबंध है. आखिर चीजें खोने से ज्योतिष का संबंध क्या है, कब चीजें लगातार खोती हैं और कब चीजें खोकर जरूर मिल जाएंगी. आइए जानते हैं…
– 6वें,11वे और 12वे भाव से चीज़ों का नुकसान देखा जाता है
– गोचर के चंद्रमा के 4थे, 6वे, 8वे या 12वे भाव में होने पर चीज़ों का नुकसान हो सकता है
– राहू और चंद्रमा का संयोग बनने पर चीजें अचानक खो जाती हैं
– अगर इसमें शनि या मंगल का सम्बन्ध होता है तो चीजें नहीं मिलती
– परन्तु अगर शुक्र, गुरु या शुभ ग्रह इसमें होते हैं तो चीजें मिल जाती हैं
– आम तौर पर शनिवार को खोयी चीजें या तो नहीं मिलती या काफी देर से मिलती हैं
कब चीजें लगातार खोती हैं और कब सावधान रहना चाहिए चीज़ों के खोने से?
– अगर आप की कुंडली में राहू ,केतु या बुध की दशा हो
– अगर आप की शनि की साढे साती या ढैया चल रही हो
– अगर आप की राशि वृष,कन्या या मकर हो या कर्क,वृश्चिक या मीन हो
– अगर आप का मूलांक 02, 04, या 08 हो
– अगर आपने भूरे रंग का कुत्ता पाला हो या काले रंग की गाडी ली हो
कब चीजें खोकर जरूर मिल जाती हैं?
– जब चीजें सोमवार या बुधवार को खोती हैं
– जब चीज़ों के खोने पर उपाय कर दिया जाए
– जब गुरु बलवान हो या गुरु की दृष्टि हो
– जब साढे साती या ढैया उतर रही हो
– जब आपका मूलांक 05, 07 या 09 हो
क्या सामान का खोना-पाना कोई संकेत देता है या ये शुभ अशुभ भी होता है?
– चीज़ों का खोना या मिलना ग्रहों की स्थिति के बारे में बताता है
– सोने का खोना शुभ नहीं होता परन्तु मिलना शुभ होता है
– शीशा या रुमाल का खोना शुभ नहीं होता है परन्तु इनका मिलना शुभ होता है
– कपडों का खोने बिलकुल शुभ नहीं होता ,यह किसी बीमारी का संकेत देता है
– रत्नों का खोना शुभ होता है ,इससे कोई बड़ी बाधा टल जाती है
– किसी मांगलिक कार्य के समय सौंदर्य प्रसाधन का खोना आपके स्वस्थ होने का सूचक है
अगर आपका कोई सामान गायब हो गया हो
– जैसे ही सामान गायब होने का पता चले
– उसी समय एक सफ़ेद रंग का रुमाल ले लें
– उसके बीचो बीच एक रूपये का सिक्का रक्खें
– रुमाल को चारों कोनों से बाँध दें
– चौबीस घंटों में खोयी हुयी वस्तु का पता चल जाएगा