देहरादून: चौराहों पर भीख मांगने वाले बच्चों की सेहत के प्रति गंभीरता दर्शाते हुए बाल आयोग ने सख्त कदम उठाए हैं। आयोग की ओर से इस संबंध में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को निर्देश जारी कर इन बच्चों को सुरक्षा मुहैया कराने को कहा है। दरअसल, उत्तराखंड शासन ने राज्य में भिक्षावृत्ति पर पूर्णतया प्रतिबंध लगा रखा है। बावजूद इसके दून के विभिन्न चौराहों व गली-मोहल्लों में बच्चे व महिलाएं भीख मांगते देखे जा सकते हैं।
इस संबंध में राज्य में बचपन बचाओ आंदोलन चला रहे सुरेश उनियाल व पंकज कुमार ने उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग को पत्र लिखकर बताया कि रोक के बावजूद परेड ग्राउंड में रविवार को सुबह 20 से 25 परिवार अपने मासूम बच्चों के साथ भिक्षावृत्ति करते पाए गए।
यह परिवार बच्चों के साथ दून के सभी प्रमुख चौराहों पर दिनभर भीख मांगते हैं। पहले तो बच्चों से भीख मंगवाकर अपराध कराया जा रहा है और ऊपर से सर्दियों में खुले आसमान के नीचे सुबह से रात तक ये बच्चे बिना गर्म कपड़ों के घूमते हैं, जिससे इनकी सेहत बिगड़ने का भी खतरा बना हुआ है। संस्था ने आयोग को बच्चों की सचित्र शिकायत करते हुए इन बच्चों की सुरक्षा, सर्दी से बचाने के लिए जरूरी संसाधन उपलब्ध कराने और इनके पुनर्वास के लिए उचित कदम उठाने की मांग की है।
मामले का संज्ञान लेते हुए आयोग के अध्यक्ष योगेंद्र खंडूड़ी ने इस संबंध में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को पत्र भेजा है। पत्र में आयोग ने पुलिस से उक्त बच्चों की सुरक्षा के लिए उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उधर, अल्मोड़ा के लमगढ़ा ब्लॉक में छात्र की संदिग्ध हालत में जलकर मौत होने के मामले में बाल आयोग के अध्यक्ष योगेंद्र खंडूडी ने जिलाधिकारी को पत्र भेज मामले की जांच करने को कहा है।