उत्तर प्रदेश में धर्मनिरपेक्ष गठबंधन जीतने जा रहा है, इसे लेकर कोई सवाल ही नहीं है. चाहे सपा- बसपा हो या कांग्रेस, धर्मनिरपेक्ष गठबंधन ही जीत रहा है. एक सवाल का जवाब देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि जहां हमारा उम्मीदवार मजबूत नहीं है, वहां हम सपा – बसपा की मदद कर रहे हैं.

वोटकटवा प्रत्याशी को लेकर बवाल थमता नजर नहीं आ रहा है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के बाद अब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी समाजवादी पार्टी-बहुजन समाज पार्टी की मदद करने का बयान दिया है. एक चैनल को दिए इंटरव्यू में राहुल ने कहा कि उनकी पार्टी का मकसद उत्तर प्रदेश में बीजेपी को हराना है और जहां उसके पास मजबूत उम्मीदवार नहीं है, वहां सपा या बसपा की मदद कर रहे हैं.
राहुल गांधी ने कहा कि यह बहुत स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश में धर्मनिरपेक्ष गठबंधन जीतने जा रहा है, इसे लेकर कोई सवाल ही नहीं है. चाहे बसपा-सपा हो या कांग्रेस, धर्मनिरपेक्ष गठबंधन ही जीत रहा है. एक सवाल का जवाब देते हुए राहुल ने कहा कि जहां हमारा उम्मीदवार मजबूत नहीं है, वहां हम सपा -बसपा की मदद कर रहे हैं. हम बीजेपी को नुकसान पहुंचाने जा रहे हैं. जहां हमारा प्रत्याशी मजबूत हैं वहां हम मौजूद हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि जिन जगहों पर जहां हम चुनाव नहीं जीतने जा रहे हैं, वहां गठबंधन को समर्थन करेंगे. गठबंधन और कांग्रेस उत्तर प्रदेश में सूपड़ा साफ करने जा रहे हैं. महागठबंधन में शामिल न होने के सवाल पर राहुल ने कहा कि सपा और बसपा को लगता है कि उन्हें कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करना चाहिए.
मिशन यूपी के बारे में बताते हुए राहुल गांधी ने कहा कि अब उत्तर प्रदेश को लेकर मेरी दीर्घकालिक नीति एकदम स्पष्ट है, मैंने ज्योतिरादित्य और अपनी बहन को कह दिया है कि हमें उत्तर प्रदेश में पार्टी को खड़ा करना है और यह विधानसभा चुनाव में दिखेगा. कम समय के लिए लोकसभा चुनाव में हमें अपनी जगह पाने के लिए संघर्ष करना होगा. हमें सुनिश्चित करना होगा कि हमने अपनी जमीन पा ली है.
राहुल से पहले उनकी बहन प्रियंका गांधी ने कहा था कि एक उम्मीदवार दिखा दो जो बीजेपी का वोट नहीं काट रहा है. हमने ऐसे उम्मीदवार दिए हैं जो या तो जीतेगा या बीजेपी का वोट काटेगा. हालांकि, इस बयान से प्रियंका पलट गई थीं. उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि हमारे सारे प्रत्याशी मजबूती से लड़ रहे हैं.
हालांकि, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के सपा-बसपा को सपोर्ट करने के बयान से न तो अखिलेश यादव इत्तेफाक रखते हैं और न ही मायावती. अखिलेश यादव ये बात मानने के लिए तैयार नहीं हैं कि कांग्रेस ने बीजेपी के वोट काटने के लिए कमजोर उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं.
अखिलेश की तरह मायावती ने कहा था कि कांग्रेस ने भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए अपने उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं. कांग्रेस-भाजपा नहीं चाहतीं कि दलित और पिछड़े लोग पूंजीवादियों से ऊपर पहुंचे.
यूपी की चुनावी बिसात पर सियासत का ऐसा खेल चल रहा है कि समझ ही नहीं आ रहा कि कौन सा खिलाड़ी किसके लिए खेल रहा है और किसका खेल बिगाड़ रहा है. देखना दिलचस्प होगा कि इस खेल में किसकी जीत होती है और किसको मात मिलती है.
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