सितारगंज, उधमसिंह नगर: दो माह पहले किसान को निवाला बनाने वाला आदमखोर बाघ फिर आबादी की ओर लौट आया है। इस बार बाघ ने कैलाशपुरी गांव के एक मकान के आंगन में जाकर दहाड़ लगाई। गनीमत रही कि बाघ आने की सूचना पर मकान स्वामी ने पहले ही घर खाली करा दिया था, वरना बड़ी अनहोनी हो जाती।
तीन दिन पहले चीकाघाट गांव में सबसे पहले बाघ के पग निशान मिले थे। जिसके बाद पंजों के निशान गुरुवार को तुर्कातिसौर गांव में दिखे। इसके बाद तुर्कातिसौर की सीमा से सटे कैलाशपुरी गांव में तो ग्रामीणों ने बाघ को खेतों से निकलते भी देखा।
बाघ गेहूं के खेतों को रौंदता हुआ गन्ने के खेत में चला गया। गन्ने का यह खेत लगभग चार एकड़ की परिधि में फैला है। इसी खेत से सटकर शिवनाथ सिंह का मकान है। इसमें शिवनाथ के पुत्र लालबाबू, बृजानंद, रामाशंकर परिवार के साथ रहते हैं। घर से जाने वाले मार्ग के दोनों तरफ भी खेत हैं। बाघ के बगल वाले खेत में छिपे होने के बाद ग्राम प्रधान विजय शंकर ने शिवनाथ और उनके परिजनों से पहले ही मकान खाली करा लिया था।
उन्होंने बच्चों और मवेशियों को अपने भतीजे मुरलीप्रसाद के यहां शिफ्ट कर दिया। मुरली प्रसाद ने बताया कि शुक्रवार की सुबह बुजुर्ग शिवनाथ खाली मकान पर पीछे वाले रास्ते से पहुंचे तो घर के आंगन में बाघ के पगचिह्न मिले हैं। जिस वजह से ग्रामीण दहशत में है।शिवनाथ के परिजनों में भी बाघ को लेकर खौफ बना है। बाघ के पगचिह्न मिलने के बाद ग्रामीण अपने मकान की तरफ नहीं जा रहे हैं। इधर बाराकोली के रेंजर प्रदीप कुमार ने बताया कि लगातार मुनादी कर ग्रामीणों से सावधानी बरतने की अपील की जा रही है।
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