माइक होलोवेक्स जो कि एक इंटरनेशनल होटल में 10 साल तक मैनेजर रह चुके हैं उन्होंने अपने एक ब्लॉग में लिखा है कि यदि किसी इंसान की मौत होटल में हो जाती है तो सबसे पहले उस रूम को सील कर दिया जाता है। जब तक पुलिस घटनास्थल पर नहीं पहुंच जाती तब तक होटल का कोई भी स्टाफ कमरे में मौजूद किसी भी चीज को हाथ नहीं लगा सकता।
ऐसे मामलों में होटल मैनेजमेंट की कोशिश रहती है कि उस रूम का नंबर किसी को मालूम न हो, क्योंकि उस से लोग उस कमरे में रुकने से कतराते हैं। ऐसे में होटल के मालिक का नुकसान होता है। ज्यादातर मामलों में मीडिया के जरिए ये रूम नंबर लीक हो ही जाता है, जिसे देखते हुए कई बार होटल के कमरों की सीरीज को ही बदल दिया जाता है।