चैत्र नवरात्रि 30 अप्रैल तक है। आज नवरात्रि का छठा दिन है। इस दिन मां कात्यायनी की पूजा उपासना करने का विधान है। ऐसी मान्यता है कि मां कात्यायनी की पूजा करने से अविवाहितों की शीघ्र शादी हो जाती है। इसके लिए अविवाहित लड़कियां सच्ची श्रद्धा और भक्ति से मां कात्यायनी की पूजा करती हैं। साथ ही मां कात्यायनी के निमित्त व्रत उपवास भी करती हैं। इसके अलावा, चैत्र नवरात्रि के नौ दिनों तक वास्तु उपाय भी किया जाता है। अगर आप भी नवरात्रि में सुख, शांति और समृद्धि की कामना करने के लिए वास्तु उपाय कर रहे हैं, तो इन बातों का जरूर ध्यान रखें। आइए जानते हैं-
-अगर आपने नवरात्रि में अखंड ज्योत प्रज्वलित की है, तो ज्योत को आग्नेय कोण में रखें। आसान शब्दों में कहें तो दक्षिण पूर्व दिशा में ज्योत रखें। इस दिशा में ज्योत रखने से जीवन में व्याप्त सभी दोष दूर होते हैं। साथ ही शत्रुओं पर विजय श्री प्राप्त होती है।
-सनातन धर्म में पूजा के पश्चात आरती का विधान है। इसके लिए दीप जलाकर आरती की जाती है। घर में सुख, शांति और समृद्धि के लिए शुद्ध घी या तिल के तेल का दीप जलाएं। वहीं, दीप माता रानी के दाहिने हाथ की तरफ रखें। आसान शब्दों में कहें तो अपने बाएं तरफ रखें। इससे वास्तु दोष दूर होता है।
-वास्तु जानकारों की मानें तो नवरात्रि के नौ दिनों तक घर के मुख्य दरवाजे पर कुमकुम से माता रानी के चरण पादुका बनाएं। इससे घर में सुख और वैभव का आगमन होता है। साथ ही घर में धन का अभाव नहीं होता है। हालांकि, चरण पादुका बनाते समय यह ध्यान रखें कि घर के अंदर की तरफ आते हुए होने चाहिए। अष्टमी और नवमी के दिन दरवाजे पर चरण पादुका जरूर बनाएं।
-चैत्र नवरात्रि के नौवें दिन कन्या पूजन का विधान है। इसके लिए चैत्र नवरात्रि के नौवें दिन पूजा समाप्त करने के बाद कन्याओं को भोजन कराएं। इसके पश्चात, जथा भक्ति तथा शक्ति के अनुसार दक्षिणा दें। ऐसा करने से माता रानी प्रसन्न होती हैं और घर के वास्तु दोष भी दूर हो जाते हैं।