छुट्टियों का ऐसे ले मजा, घूमने के लिए जाए छत्तीसगढ़ के कुछ खास नेशनल पार्क में

बच्चों की परीक्षाएं समाप्ति की ओर हैं और उन्हें छुट्टियाँ लगने वाली हैं। इन छुट्टियों में बच्चों की चाहत होती है कि कहीं अच्छी जगह घूमने के लिए जाया जाए और छुट्टियों का आनंद उठाया जाए। इसलिए आज हम आपके लिए छत्तीसगढ़ के कुछ नेशनल पार्क की जानकारी लेकर आए हैं जो बच्चों के आकर्षण का केंद्र बनते हैं और उन्हें रोमांचित करते हैं। तो आइये जानते है छत्तीसगढ़ के इन राष्ट्रीय उद्यानों के बारे में।

* इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान

इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान भारत के छत्तीसगढ़ राज्य के बीजापुर जिले में स्थित है। यह दुर्लभ जंगली भैंसे की अंतिम आबादी वाली जगहों में से एक है। इसका क्षेत्रफल 1258 वर्ग किलोमीटर है। यह राष्ट्रीय उद्यान छत्तीसगढ़ राज्य का एकमात्र ‘टाइगर रिजर्व’ है। इंद्रावती नदी के किनारे बसे होने के कारण इसका नाम इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान है। इंद्रावती को 1981 में ‘राष्ट्रीय उद्यान’ का दर्जा प्राप्त हुआ और 1983 में भारत की प्रसिद्ध ‘प्रोजेक्ट टाइगर नामक योजना’ के तहत टाइगर रिजर्व घोषित किया गया। यहा प्रमुख रूप से जंगली भैंसे, बारहसिंगा, बाघ, चीते, नीलगाय, सांभर, जंगली कुत्ते, जंगली सूअर, उड़ने वाली गिलहरियां, साही, बंदर और लंगूर आदि अन्य अनेक जीव-जंतु पाए जाते हैं।

 

* कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान 

राष्ट्रीय उद्यान का कुल क्षेत्रफल 200 वर्ग कि.मी. है जो तीरथगढ से लेकर पूर्व ओडिशा सीमा तक फैला है।अत्यंत मनोहारी दृश्यावली अपने अंचल में समेटे, कांगेर घाटी प्रसिद्द आदिवासी संस्कृति स्थली जगदलपुर से मात्र 27 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। यह एक ‘बायोस्फीयर रिजर्व’ है। यह नेशनल पार्क भारत के सर्वाधिक सुंदर और मनोहारी नेशनल पार्कों में से एक है। यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता और अनोखी समृद्ध जैव विविधता के कारण प्रसिद्ध है। इसे 1982 में ‘नेशनल पार्क’ का दर्जा दिया गया। वन्य जीवन और पेड़ पौधों के अलावा पार्क के अंदर पर्यटकों के लिए अनेक आकर्षण हैं। जैसे -कुटुमसार की गुफाएं, कैलाश गुफाए, डंडक की गुफाए और तीर्थगढ़ जलप्रपात।कांगेर धारा और भीमसा धारा,दो सुंदर और अद्भुत पिकनिक रिजॉर्ट हैं।

* गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान 

छत्तीसगढ़ राज्य के कोरिया एवं सूरजपुर जिले में स्थित गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान छत्तीसगढ़ शासन के अधिसूचना क्रमांक F-724 व.स.2001 दिनांक 07 अगस्त 2001 द्वारा अस्तित्व में आया। इसके पूर्व 1981 से यह पूर्ववर्ती संजय राष्ट्रीय उद्यान सीधी का भाग था।इसका कुल क्षेत्रफल 1440.705 वर्ग कि.मी. है। यह क्षेत्र 23० 30 अक्षांश से 23० 53 एवं 81० 48 से 82० 45 से देशान्त में फैला हुआ है। क्षेत्रफल की दृष्टि से यह प्रदेश का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है।

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