भारत के विदेश सचिव विजय गोखले ने सोमवार को बीजिंग में चीन के विदेश मंत्री वांग यी के समक्ष जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने का मुद्दा उठाया। पाकिस्तान आतंकी अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के भारत के प्रयासों पर अड़ंगा लगाने को लेकर गोखले ने चीन की नीतियों की निंदा भी की।

उन्होंने जोर देकर कहा कि दोनों देशों को एक दूसरे के प्रति संवेदनशील होना चाहिए। इस दौरान भारतीय पक्ष ने चीन को मसूद अजहर की आतंकी गतिविधियों के सभी सबूत भी सौंपे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने यह जानकारी साझा की। रवीश ने कहा, मसूद अजहर को आतंकी घोषित करने पर निर्णय लेने के लिए 1267 प्रतिबंध समिति और संयुक्त राष्ट्र को फैसला ले लेना चाहिए।
वरना देश मे हुए हमलों में मारे गए निर्दोशों को न्याय दिलाने के लिए भारत आगे भी ये लड़ाई जारी रखेगा। बता दें कि अजहर को चीन संयुक्त राष्ट्र में हमेशा वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने के प्रस्ताव को खारिज कर देता है। इसलिए भारत की तरफ से चीन में गोखले ने इस मुद्दे को उठाया है।
एक दूसरे की चिंताओं पर संवेदनशील हों भारत-चीन
गोखले और वांग यी के बीच हुई मुलाकात में पिछले साल वुहान शिखर सम्मेलन के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में हुई प्रगति पर भी चर्चा की गई। गोखले ने बताया कि दोनों पक्ष निर्णयों को ‘एक दूसरे की चिंताओं के प्रति संवेदनशील’ तरीके से लागू कर रहे हैं।
गोखले ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच वुहान सम्मेलन में कई मामलों पर आपसी समझ बनी थी। उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष वुहान बैठक में किए गए समझौतों को लागू करने के प्रयास कर रहे हैं।
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