चीन में सरकार द्वारा लगाए गए कठिन कोरोना प्रतिबंधों को समाप्त करवाने में अहम भूमिका निभाने वाली दोनों महिला आज रिहा हो गई है। दोनों को चीनी पुलिस ने जबरन हिरासत में ले लिया था।
बीजिंग में कोरोना प्रतिबंधों के खिलाफ ऐतिहासिक प्रदर्शनों में शामिल होने वाली दो चीनी महिलाओं को आज प्रशासन ने रिहा कर दिया। COVID-19 प्रतिबंधों को समाप्त करने का आह्वान करने के लगभग चार महीने की हिरासत के बाद दोनों को रिहा किया गया।
दोनों ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग के सत्ता में आने के एक दशक के सबसे बड़े विरोध प्रदर्शन में अहम भूमिका निभाई थी, जिससे COVID प्रतिबंधों को समाप्त करने में मदद मिली।
हिंसा भड़काने का आरोप
दोनों महिलाओं के करीबी दोस्तों ने रायटर को बताया कि चीन के कई शहरों में नवंबर के अंत में यह प्रदर्शन शुरू हुआ था। सूत्रों ने रायटर को बताया कि उन्हें पुलिस द्वारा प्रदर्शन के कुछ दिनों के भीतर ही हिरासत में ले लिया गया था।
ह्यूमन राइट्स वॉच ने बताया कि दोनों महिलाएं दिसंबर में हिरासत में लिए गए चार प्रदर्शनकारियों में शामिल थी और उन पर “झगड़ा करने और हिंसा भड़काने” का आरोप लगाया गया था, जिसमें पांच साल तक की सजा हो सकती है।
काओ ने जारी किया था वीडियो
चीन के सुरक्षा मंत्रालय और बीजिंग सार्वजनिक सुरक्षा ब्यूरो ने मामले में अभी कई टिप्पणी या जवाब नहीं दिया। उन्होंने पहले हिरासत पर भी कोई टिप्पणी नहीं की थी। हिरासत में लिए जाने से कुछ समय पहले उनमें से एक महिला ‘काओ’ ने मदद के लिए अपना एक वीडियो बनाया था। क्लिप को बाद में दोस्तों द्वारा जारी किया गया और व्यापक रूप से ऑनलाइन प्रसारित किया गया। जिसमें पुलिस द्वारा जबरन पकड़ने की बात कही गई थी।
जीरो कोविड पॉलिसी का हुआ था विरोध
चीन में कोरोना पर सरकार की जीरो कोविड पॉलिसी समेत कई प्रतिबंधों के खिलाफ बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया गया था। देश भर में सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए थे और कई लोगों ने अपने असंतोष के प्रतीक के रूप में पोस्टर्स जलाए। इसके बाद पुलिस ने पूछताछ की और दर्जनों लोगों को हिरासत में लिया।