बीजिंग: चीन ने सोमवार को जहां एक तरफ अपने रक्षा बजट को भारत की अपेक्षा 3 गुना बड़ा रखा है. वहीं दूसरी तरफ उसने 23 लाख सैनिकों के संख्याबल वाली अपनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी( पीएलए) में तीन लाख सैनिक कम कर दिए हैं. अब पीएलए में 20 लाख सैनिक रह गए हैं. इस कदम का मकसद दुनिया की सबसे बड़ी थलसेना को आधुनिक युद्ध जीतने में सक्षम बनाना है.चीन ने बढ़ाया रक्षा बजट लेकिन पीएलए में कर दी 3 लाख सैनिकों की कटौती

चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग ने नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) को सौंपी गई अपनी वार्षिक कार्य रिपोर्ट में यह घोषणा की. ली ने कहा कि सेना ने जवानों की संख्या में तीन लाख की कटौती के अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है जिससे23 लाख सैनिकों के संख्याबल वाली पीएलए में अब महज20 लाख सैनिक रहेंगे.

चीनी सेना के आधिकारिक अखबार पीएलए डेली ने कहा कि ऐसे जवानों की संख्या में कटौती की गई है जो लड़ाई में हिस्सा नहीं लेते. साल1980 तक पीएलए में 45 लाख सैनिक थे. इसमें पहली कटौती 1985 में की गई जिससे इसका संख्याबल 30 लाख हो गया और बाद में इसमें जवानों की संख्या घटकर 23 लाख हो गई. बता दें चीन के पास दुनिया की सबसे बड़ी फौज है और अमेरिका के बाद वह दुनिया में सबसे ज्यादा प्रतिरक्षा पर खर्च करता है.

भारत से तीन गुना बड़ा है चीन का रक्षा बजट

चीन ने सोमवार को अपने प्रतिरक्षा खर्च में बढ़ोतरी करते हुए रक्षा बजट को पड़ोसी देश भारत से तीन गुना बड़ा रखा है. देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 8.1 फीसदी कर दिया है, साथ ही वर्ष 2018 में चीन ने 6.5 फीसदी आर्थिक विकास का लक्ष्य रखा है.

चीन का रक्षा बजट 2017 में देश के जीडीपी का सात फीसदी था और यह 2013 से ही एकल अंक में है, लेकिन पिछले तीन साल के मुकाबले इस साल सबसे ज्यादा यानी जीडीपी का 8.1 फीसदी है. इस तरह चीन का 175 अरब डॉलर का रक्षा बजट भारत के रक्षा खर्च के मुकाबले तीन गुना ज्यादा है.